उद्यान विभाग में हुए घोटाले की जांच को लेकर दायर की गई जनहित याचिका में याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय से अनुरोध किया कि सही तथ्यों को लाने के लिए जांच सीबीआई द्वारा करवाई जाए। सीबीआई द्वारा भी कहा गया है कि सभी फाइलों का अध्ययन करने के पश्चात इस मामले में केस दर्ज किया जा सकता है।
सरकार की तरफ से मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ को अवगत कराया गया कि उन्होंने घोटाले की जांच के लिए एस.आई.टी.गठित कर दी है। जिस पर याचिकाकर्ता ने आपत्ती दर्ज करते हुए कहा कि एस.आई.टी.सरकार की एजेंसी है। क्योंकि मामले में सरकारी अधिकारी भी शामिल है जो कि इस जांच को अपना रसूख दिखाकर प्रभावित कर सकते हैं। याचिकाकर्ता दीपक करगेती ने जनहित याचिका दायर करके उद्यान विभाग में घोटाले का आरोप लगाया था, उनके द्वारा कहा गया था की उद्यान विभाग में फल और अन्य पौधारोपण में करोड़ों रुपए कई गड़बड़ी की गई है। उनके द्वारा यह भी कहा गया कि वित्तीय गड़बड़ी करने के लिए एक ही दिन में विभाग द्वारा वर्क आर्डर जारी करके उसी दिन जम्मू कश्मीर से पेड लाना दिखाया गया है, और जिसका पेमेंट भी तुरंत कर दिया गया था। याचिकाकर्ता का कहना है की इन वित्तीय गड़बड़ियों की जांच सीबीआई या किसी अन्य निष्पक्ष एजेंसी द्वारा करवाई जानी चाहिए। शीतकालीन सत्र में निलंबित उद्यान निदेशक द्वारा एक फर्जी नर्सरी अनिका ट्रेडर्स को पूरे राज्य में करोड़ों की पौध खरीद कर कार्य देकर बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया।जब उद्यान लगाओ उद्यान बचाओ यात्रा से जुड़े किसानो खासकर उत्तरकाशी के किसानों ने जोर शोर से इस मुद्दे को उठाया गया,तो आनन-फानन में अनिका ट्रेडर्स का आवंटन रद्द कर दिया गया परंतु पौधे उन्हीं के द्वारा लाए गए बांटे गए। और तो और नैनीताल में बवेजा ने मुख्य उद्यान अधिकारी राजेंद्र कुमार सिंह के साथ मिलकर एक फर्जी आवंटन जम्मू कश्मीर की दूसरी नर्सरी बरकत एग्रो फार्म को कर दिया गया। जिसके भौतिक सत्यापन में भी गड़बड़ी का जिक्र याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में किया है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि बरकत एग्रो फार्म को इनवॉइस बिल आने से पहले ही भुगतान कर दिया गया और कहीं अकाउंटेंट के बिलों पर बिना हस्ताक्षर के ही भुगतान करके करोडो रुपए ठिकाने लगा दिए।
याचिकाकर्ता का कहना है कि उच्च न्यायालय इस बात का निर्णय ले कि जांच सी.बी.आई. से कराई जाए या एस.आई.टी.से।इसका निर्णय अब 9 अगस्त को होने वाली अगली सुनवाई के बाद ही लिया जाएगा।