ओडिशा विजिलेंस ने सूचना मिलने पर कल (23-6-2023) शुक्रवार को भुवनेश्वर में एक सरकारी अधिकारी के घर छापा मारा तू उनके होश उड़ गए।छापेमारी के दौरान अधिकारी के परिवार के सदस्यों ने गत्ते के बक्सों में 2 करोड़ रुपये की नकदी से भरे डिब्बों को पड़ोसी की छत पर फेंक दिया। यह अलग बात है कि गलत तरीके से कमाए गए पैसे को बचाने की उनकी कोशिश सफल नहीं हुई।विजिलेंस अधिकारियों की सतर्कता ने यह सब घटनाक्रम देखा और तुरंत सारी नकदी जब्त कर ली।
ओडिशा विजिलेंस को शुक्रवार को अतिरिक्त उप-कलेक्टर की संपत्तियों पर छापेमारी के दौरान तीन करोड़ रुपये से अधिक की नकदी का पता चला। विजिलेंस (एसपी) एम. राधाकृष्ण ने कहा कि विजिलेंस की टीमें नबरंगपुर के अतिरिक्त उप-कलेक्टर प्रशांत कुमार राउत के नौ ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर रही है। उन्होंने कहा कि अब तक विजिलेंस अधिकारियों ने राउत के भुवनेश्वर वाले घर से 2.25 करोड़ रुपये नकद बरामद किए हैं, जबकि उनके नौरंगपुर घर से 77 लाख रुपये मिले हैं।विजिलेंस एसपी ने बताया कि हमारी पहली टीम ने भुवनेश्वर में अधिकारी के घर को घेर लिया, जबकि दूसरी टीम ने नबरंगपुर में उसके घर पर छापा मारा। अदालत के आदेश की जानकारी मिलने के बावजूद भुवनेश्वर में उनके परिवार के सदस्यों ने दरवाजा नहीं खोला। दरअसल वो सब गलत कमाई को छिपाने की कोशिश करने में लग गए। इस दौरान हमारी टीम ने उन्हें अपने पड़ोसी की छत पर कुछ कार्टन बक्से फेंकते देखा तो हमको शक हुआ कि कुछ गडबड है।पड़ोसी की छत पर पहुंचने पर बक्सों में हमें नकदी मिली जो ₹500 की गड्डियों में 2.03 करोड़ रुपये थे।
एसपी ने बताया कि नकदी छिपाने के बाद ही राउत के परिवार के सदस्यों ने गेट खोला और विजिलेंस अधिकारियों को तलाशी अभियान चलाने की इजाजत दी। अधिकारियों को कई अचल संपत्तियों के दस्तावेज और बैंक जमा की पासबुक भी मिलीं। नबरंगपुर में तलाशी अभियान के दौरान विजिलेंस अधिकारियों ने करीब 89 लाख रुपये नकद जब्त किये। बाद में शाम को राउत के भुवनेश्वर स्थित घर से बुक सेल्फ के पीछे छिपाए गए 10.37 लाख रुपये की नकदी और मिली। दोनों घरों से कुल मिलाकर करीब 3.02 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए।
अधिकारियों को संदेह है कि राउत ने सरकारी धन का दुरुपयोग करके और अपनी शक्ति का दुरुपयोग करके अनुचित लाभ उठाकर बड़ी रकम जमा की। राउत की आय से अधिक संपत्ति का पता लगाने के लिए अलग-अलग स्थानों पर तलाशी अभियान अभी भी जारी था। दिलचस्प बात यह है कि जुलाई 1996 में सरकारी सेवा में शामिल हुए राउत को विजिलेंस विंग ने 6 नवंबर, 2018 को सुंदरगढ़ जिले के बिसरा में ब्लॉक विकास अधिकारी (बीडीओ) के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान 1 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उस समय विजिलेंस सेल को आय से अधिक संपत्ति नहीं मिली थी। एसपी ने कहा कि आगे तलाशी अभियान जारी है और पूरा ब्योरा बाद में साझा किया जाएगा। छापेमारी भुवनेश्वर के कानन विहार स्थित उनके दो मंजिला घर, नबरंगपुर में उनका निवास और कार्यालय और भद्रक में उनके पैतृक घर पर एक साथ की जा रही है। विजिलेंस अधिकारियों ने बताया कि टीमें उनके रिश्तेदारों के घर और पांच अन्य स्थानों पर भी छापेमारी कर रही है।