हरिद्वार जिले के रुड़की में दिल्ली से पहुंची पीपुल्स फॉर एनिमल की टीम ने वेनम सेंटर पर छापा मारा। टीम ने यहां से 70 कोबरा और 16 रसल वाइपर प्रजाति के जहरीले सांप बरामद किए हैं सभी सांपों को टीम अपने साथ ले गई है। हालांकि टीम को मौके पर वेनम सेंटर का संचालक नहीं मिला, सिर्फ केयर टेकर ही मिला। बताया जा रहा है कि वेनम सेंटर अवैध रूप से बिना अनुमति चलाया जा रहा था।
दरअसल, रुड़की सिविल लाइन कोतवाली क्षेत्र के खंजरपुर गांव में स्थित जंगल में पिछले लंबे समय से एक वेनम सेंटर चलाया जा रहा था। इसकी सूचना दिल्ली पीपुल्स फॉर एनिमल टीम को लगी. दिल्ली पीपुल्स फॉर एनिमल टीम को बताया कि कोई व्यक्ति वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत प्रतिबन्धित सांप अपने कब्जे में रखे हुए है। सूचना मिलने के बाद टीम बीते दिन की देर शाम दिल्ली से रुड़की पहुंची और स्थानीय वन विभाग की टीम के साथ मिलकर बताए गए स्थान पर पहुंचकर छापेमारी की।
दिल्ली से पहुंची पीपुल्स फॉर एनिमल की टीम ने मारा।
इस दौरान टीम को मौके से 86 जहरीले सांप बरामद हुए, जिनमें 70 कोबरा और 16 रसल वाइपर प्रजाति के सांप हैं, लेकिन सांपों का जहर मौके से गायब मिला। साथ ही उनके रख खराब की स्थिति सही नहीं पाई गई। अब सबसे बड़ा सवाल वन विभाग पर उठ रहा है कि आखिर पिछले लंबे समय से क्षेत्र में वेनम सेंटर संचालित हो रहा था और आज तक उसकी किसी को भनक तक नहीं लगी।
वहीं वन विभाग की टीम सभी सांपों को अपने साथ ले गई। हालांकि इसका संचालक मौके पर नहीं था. उक्त संग्रहण केन्द्र के स्वामी नितिन कुमार का प्रतिनिधि विष्णु ही मौजूद था, जिसकी मौजूदगी में छापेमारी की कार्रवाई की गई। प्रतिनिधि का जवाब भी संतोषजनक नहीं था।
प्रतिनिधि से जब पूछताछ की गई तो उसका कहना था कि वह 24 घंटे यहीं पर रहता है, लेकिन सांपों के जहर की सप्लाई कहां होती थी, ये जानकारी उसको भी नहीं है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना कि जांच पड़ताल की जाएगी, उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बताया गया है कि विष संग्रहण केन्द्र के आवेदक नितिन कुमार को पूर्व में मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक उत्तराखण्ड देहरादून के द्वारा 31 दिसम्बर 2022 को प्राणरक्षक औषधियों के विनिर्माण के लिए सर्प विष संग्रहण केन्द्र ग्राम बिशनपुर ज्वालापुर जिला हरिद्वार में स्थापना हेतु में एक वर्ष की सशर्त अनुमति दी गई थी, जो दिसम्बर 2023 में समाप्त हो चुकी थी।
वर्तमान में उक्त व्यक्ति के पास सर्प संग्रहण अथवा विष संग्रहण केन्द्र की कोई वैध अनुमति नहीं है। छापेमारी के दौरान उक्त केन्द्र में 70 कोबरा तथा 16 रसल वाइपर पाए गए जो कि भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 (यथासंशोधित 2022) की अनुसूची-1 के अन्तर्गत संरक्षित प्रजाति घोषित है। वहीं टीम द्वारा सभी सर्पों को जब्त किया गया है और भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 (यथासंशोधित 2022) की सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है।