देहरादून। पतंजलि के 14 उत्पाद पहले ही सीज हो चुके हैं, उसके बाद बाबा रामदेव पर लगातार कार्रवाई जारी है।
बहुत लंबा अरसा नहीं बीता है, जब पतंजलि के मुखिया बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण सरकारी नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाते थे। लेकिन अब लगता है कि दोनों शनिदेव की साढ़े साती के फेर में आ गए हैं। पहले सुप्रीम कोर्ट में सरेआम फजीहत हुई। फिर सुप्रीम फटकार से चेते उत्तराखंड सरकार के अफसरों ने 14 दवाओं के लाइसेंस निरस्त कर दिए। अब जीएसटी के इंटेलीजेंस निदेशालय ने 28 करोड़ की वसूली का नोटिस दिया है।
महज बीस सालों में अरबों का साम्राज्य खड़ा करने वाले बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण का सियासी रसूख इतना ज्यादा था कि ये दोनों खुद को किसी भी कानून से ऊपर समझने लगे थे। कोरोना काल में एलोपैथी के खिलाफ जमकर जहर उगला। फिर कोरोनो वैक्सीन को देश का सबसे बड़ा घोटाला बताया। मनमाने और भ्रामक विज्ञापन प्रसाऱित करवा कर अधोमानक दवाएं खुलेआम बेचते रहे। भला हो सुप्रीम कोर्ट का उसकी निगाहें पतंजलि पर तिरछी हो गईं। भ्रामक विज्ञापनों के मामले में जमकर फटकार लगाई और सार्वजनिक रूप से दोनों को माफी मांगनी पड़ी।
दोनों का रसूख इतना ज्यादा था कि उत्तराखंड सरकार के तमाम अफसर उनकी मनमानी के आगे नतमस्तक रहे। भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट से उत्तराखंड सरकार को फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट के खौफ से दहशत में आए उत्तराखंड सरकार के अफसरों ने पतंजलि की 14 दवाओं को बनाने के लाइसेंस ही निरस्त कर दिए। उत्तराखंड के अफसरों ने सुप्रीम कोर्ट को इस बारे में बताया तो शीर्ष अदालत से तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि अब आपकी नींद खुली है।
लगता है बाबा रामदेव और बालकृष्ण पर शनिदेव की साढ़े साती का प्रकोप आ गया है। शायद यही वजह है कि दोनों की परेशानियां कम होने का नाम ही न ले रही हैं। दोनों की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अभी चल ही रही थी कि जीएसटी के अफसर भी मैदान में आ गए। सूत्रों ने बताया कि जीएसटी के इंटेलीजेंस निदेशालय ने पतंजलि के अफसरों को 28 करोड़ की वसूली का नोटिस जारी कर दिया है। पूछा गया है कि इस राशि की वसूली पतंजलि से क्यों न की जाए।
यहां बता दें कि तीन साल पहले देहरादून में हुए एक ज्योतिष सम्मेलन में देशभऱ के ज्योतिषियों के सामने आचार्य बाल कृष्ण के शनि देव को लेकर तमाम उलूल-जुलूल टिप्पणियां सार्वजनिक मंच से की थीं और शनिदेव को मानने से ही इंकार कर दिया है। अब शायद उनकी समझ में आए कि शनि की साढ़े साती का भी कोई अस्तित्व होता है।