हल्द्वानी। पुलिस के कार्य प्रणाली पर हमेशा से सवाल खड़े होते रहे हैं। पीड़ित कई बार इंसाफ के लिए थाना पुलिस का चक्कर लगाकर थक जाता है। कई मामले ऐसे आते हैं कि न्यायालय फटकार और आदेश के बाद पुलिस मुकदमा लिखती है। ऐसा ही मामला नैनीताल जिले के बनभूलपुरा थाना से सामने आए हैं। यहां दुष्कर्म पीड़िता के मामले में न्यायालय के आदेश के बाद पुलिस में मुकदमा दर्ज किया है।
दुष्कर्म पीड़िता ने बनभूलपुरा पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उसका कहना है कि एक युवक ने उससे दुष्कर्म किया। आरोपित जेल से जमानत पर बाहर आ चुका है। जिसने उसे रास्ते में घेरकर जान से मारने की धमकी देकर मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाया। दुष्कर्म पीड़िता ने शिकायत दर्ज करते हुए कहा है कि उसे जान से मारने की धमकी मिल रही है। शिकायत लेकर वह बनभूलपुरा थाने पहुंची। जहां आरोपित का पिता पहले से एक सिपाही के संग खड़ा था। जब थाने में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए शिकायत पत्र दिया तो उल्टा उसको न्याय दिलाने के बजाय चोरों जैसा बर्ताव किया गया। उसे थाने के पीछे बंदीगृह में ले जाकर कई घंटों रखा गया।
पुलिस अब कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने आरोपित के विरुद्ध केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बनभूलपुरा निवासी युवती ने बताया क्षेत्र में रहने वाले फरदीन नाम का युवक उससे दुष्कर्म किया था। इस मामले में आरोपित जेल गया। अब वह जेल से जमानत पर बाहर है। जब से आरोपित जेल से बाहर आया है तब से उसे रास्ते में घेर कर केस वापस लेने का दबाव बना रहा है। साथ ही वह जान से मारने की भी धमकी दे रहा है। 19 मई को आरोपी बरेली रोड में उसको धमकाया था।
20 मई को थाने पहुंची तो पुलिस ने जांच कर केस दर्ज करने का आश्वासन दिया, लेकिन केस दर्ज नहीं किया। दो जून को उसके पास थाने से एक सिपाही का कॉल आया। जिसके बाद वह मां के संग फिर थाने पहुंची। थाने के बाहर ही एक सिपाही चाय की दुकान में फरदीन के पिता के साथ बैठा हुआ था। वहीं पर सिपाही ने उस पर राजीनामे का दबाव बनाया। पुलिस आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के बजाय उल्टा उसको परेशान कर रही थी।
बनभूलपुरा प्रभारी थाना अध्यक्ष सुशील जोशी ने बताया कि न्यायालय के आदेश के बाद आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपित के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।