मामला रुद्रपुर के वर्ष 2007 के चर्चित वाहनों के फर्जीवाड़ा प्रकरण का है, जिसमें अदालत ने पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष और एक मोटर्स के स्वामी समेत पांच दोषियों को पांच साल और 55 हजार रुपये का अर्थदंड की सजा सुनाई, जबकि चार आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया। फैसला आते ही पुलिस ने दोषियों का मेडिकल परीक्षण कर जेल भेज दिया है।
सहायक अभियोजन अधिकारी दलीप कुमार ने बताया कि छह सितंबर वर्ष 2007 को एसटीएफ को सूचना मिली थी कि एआरटीओ दफ्तर व फाइनेंस कंपनी से जुड़े कुछ लोग संगठित गिरोह बनाकर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं।ये लोग फर्जी दस्तावेज लगाकर गाड़ियों पर लोन कर खरीददार के साथ साथ फाइनेंस कंपनी को भी चूना लगा रहे हैं। जब एसटीएफ ने तफ्तीश शुरू की, तो पता चला कि नैनीताल रोड स्थित कोरस मोटर्स के स्वामी कपिल अरोड़ा, आवास विकास किच्छा निवासी अनिल शैली उर्फ बॉबी, वार्ड-चार सुनहरी किच्छा निवासी गुरप्रीत सिंह, गांव सैजना निवासी हेमू यादव, बिजनौर निवासी बब्बन, रुद्रपुर रोड किच्छा निवासी पुनीत अग्रवाल शीतल बिहार इज्जतनगर निवासी विक्रम सिंह, गांव सिहौरा बिलासपुर यूपी निवासी सिमरनजीत सिंह उर्फ लाडी फर्जी दस्तावेज तैयार कर फाइनेंस कंपनियों से गाड़ियों पर लोन करवाते थे और उसके बाद फार्म 21 में फर्जी डिटेल भरकर गाड़ियों को दूसरों को बेच देते थे। फॉर्म 21 कभी गाड़ी खरीदते समय डिबडिबा यूपी निवासी पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष गुरजीत सिंह पन्नू और हेमू यादव जो दलाल से मिलकर एआरटीओ कार्यालय से सांठगांठ कर कार्यालय से लिखा कर उस मूल नंबर को गायब कर देते थे और नकली फार्म 21 मुहैया करवाते थे। जिससे फार्म का आसानी से पंजीकरण हो जाता था। कागजात में नाम पता होने के कारण फाइनेंस की गई गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन आसानी से हो जाता था। इसके अलावा दस्तवेजों के आधार पर फाइनेंस की गई गाड़ियों की किश्त फाइनेंस कंपनियों से बंध जाती थी । एसटीएफ ने प्रकरण की जांच करने के बाद सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। मामले में सुनवाई के दौरान सभी आरोपी जमानत पर रिहा हो गए।
चार्जशीट दाखिल होने के बाद प्रकरण की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन श्वेता पांडे की अदालत में हुई। प्रकरण में ठोस पैरवी करते हुए सहायक अभियोजन अधिकारी दलीप कुमार ने अदालत के सामने 14 गवाह पेश किए।
दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद अदालत ने अनिल शैली उर्फ बॉबी, गुरप्रीत सिंह, हेमू यादव, कपिल अरोड़ा, गुरजीत सिंह पन्नू को दोषी करार देते हुए पांच साल की कारावास व 55 हजार रुपये का अर्थदंड देने की सजा सुनाई। जबकि प्रकरण में बब्बन, पुनीत अग्रवाल, विक्रम सिंह, सिमरनजीत सिंह को दोषमुक्त कर दिया। अदालत का निर्णय आते ही दोषियों को गिरफ्तार कर हल्द्वानी जेल भेज दिया गया है।