देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में चल रही कैबिनेट बैठक समाप्त हो गई है।
बैठक में करीब 30 प्रस्ताव आए
पशुपालन विभाग के तहत पहाड़ की आर्थिक बढ़ाने के लिए,ITBP के जवानों के लिए लोकल स्तर पर भेड़,मटन,चिकन,मच्छी उपलब्ध होगा, 200 करोड़ रुपये का फायदा स्थानीय स्तर पर होगा।
मानव वन्य जीव संगर्ष निधि के तहत आर्थिक सहायता और आयुष्मान योजना का लाभ साथ – साथ मिलेगा।
सिविल न्यायालय विकास नगर में लीज पर भूमि 1 रुपये की लीज पर दिए जाने पर मुहर 30 साल के लिए 358 वर्ग मीटर जमीन दी जाएगी।
वित्त विभाग की नियमावली के तहत 5 लाख ही जीपीएफ में अब जमा हो सकेंगे
कौशल विकास विभाग के तहत एक्सेलेंस सेंटर बनाये गए है कौशल सीखने वाले छात्रों के लिए रखने खाने की व्यवस्था कौशल विकास विभाग करेगा।
पशुपालन विभाग का बड़ा फैसला, अब itbp वाले स्थानीय लोगो से भेड़, बकरी मटन, और मुर्गी की सप्लाई करेंगे मत्स्य पालन भी करेंगे लगभग 20 हजार स्थानीय लोगो को रोजगार मिलेगा
चमोली पिथौरागढ़ उत्तरकाशी में होगा ये काम, 5 करोड़ का रिवोलविंग फंड मिला
मानव वन्य जीव राहत वितरण निधि में संसोधित किया गया अब विभाग और आयुष्मान से जो मदद मिलती थी अब दोनों को अलग अलग दिया जा सकेगा, इसके अलावा नियमावली में भी हुआ बदलाव।
सिविल न्यायलय विकासनगर में 378 वर्ग मीटर जमीन वकीलों के चेबर के लिए दिए जाने को मंजूरी।
उप औषधि नियंत्रक के पद का सृजन।
GPF में अब पैसा केवल 5 लाख ही जमा करा सकेंगे कर्मचारी।
अधीनस्थ लेखा परीक्षा सम्मिलियन नियमावली को किया गया संशोधित।
अधीनस्थ लेखा परीक्षा सम्मिलियन नियमावली को किया गया संशोधित।
कौशल विकास विभाग के अंतर्गत सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस में प्रशिक्षण में आने वाले प्रशिक्षण लेने वालों का भोजन रहने की व्यवस्था सेंटर ही करेगा।
शहरी विकास विभाग के 2007 से पूर्व के कर्मचारियों को पेंशन देने का फैसला लिया गया।
शहरी विकास विभाग नगर निकाय और प्राधिकरण हेतु मलीन बस्तियों के अध्यादेश को कैबिनेट में रखा गया 3 साल और बढ़ाया गया।
सिचाई विभाग को लेकर बड़ा फैसला ग्राउंडवाटर और स्प्रिंग के पानी के उपयोग का पर भी पैसे देने होंगे।
उत्तराखंड प्रवधिक शिक्षा विभाग की सेवा सशोधन नियमावली में हुआ संसोधन।
मंत्रिमंडल ने प्रदेश में अगले 3 साल निशुल्क सिलेंडर देने की योजना को 3 साल के लिए मंजूरी दी है।
वहीं दूसरी ओर पूर्व में आंदोलनरत अतिथि शिक्षकों को इस कैबिनेट बैठक में भी निराशा हाथ लगी है। शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के आश्वासन के बाद भी अभी तक अतिथि शिक्षकों की मांगों को कैबिनेट बैठक में नहीं रखा गया है।