राजधानी दून में शुक्रवार को आईटीबीपी का 62वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आयोजित रैतिक परेड की सलामी ली। गृह मंत्री ने शहीद स्मारक जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उत्कृष्ट सेवा के लिए सुरक्षा बल के कर्मियों को प्रशस्ति पत्र और ट्राफियां प्रदान की। गृहमंत्री ने आईटीबीपी व हिमवीरों के कार्यो की सराहना करते हुए कहा कि जब भी भारत- चीन सीमा पर तनाव की कोई खबर आती है, तो मैं निश्चिंत होकर सो जाता हूं। क्योंकि मुझे पता है कि जब तक आप है तब तक हमारी सीमाओं को कोई भी छू नहीं सकता है। उन्होंने कहा कि हमारे देश की 3488 किलोमीटर लम्बी सीमाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी आप किन कठिन स्थिति और परिस्थितियों में निभाते है इस बात से हमें गर्व महसूस होता है।
उन्होंने कहा कि हमारे उन हिमवीरों की ही हिम्मत है जो 19000 मीटर ऊंचाई पर माइनस 19 डिग्री के तापमान में भी जिस दृढ़ता से सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाते है, उसके पराक्रम की कोई पराकाष्ठा नहीं है। उनकी जितनी भी तारीफ की जाये कम ही है। उन्होने कहा कि जिस शौर्य, दृढ़ता और कर्मनिष्ठा के भाव के साथ आप अपनी ड्यूटी का निर्वहन करते हैं उसको शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है। गृहमंत्री ने बल में नई भर्तियों और उसके विस्तारीकरण की जानकारी देते हुए बताया कि इससे आपका कार्यभार कुछ हल्का और आसान होगा। गृहमंत्री ने आईटीबीपी में महिलाओं के योगदान की भी प्रशंसा की। इससे पूर्व आईटीबीपी के अधिकारियों ने अपने उन तमाम कामों का जिक्र भी किया जो अति सराहनीय रहे। उन्होंने कहा कि हिमालयी क्षेत्रों में आने वाली किसी भी आपदा में आईटीबीपी प्रथम रिस्पांस टीम के रूप में पहुंची है। यही नहीं आईटीबीपी की भूमिका दूसरे देशों में दूतावासों की सुरक्षा तक में अहम रही है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।