जमीनों की राजियो को लेकर प्रदेशवासियों के लिए एक सुखद खबर सामने आ रही है। कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि अब जमीनों की रजिस्ट्री वीडियो वर्चुअल कल के द्वारा भी कराई जा सकेगी। वित्त मंत्री ने बताया कि राज्य में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रजिस्ट्री कराई जाने की सुविधा को हरी झंडी दिखा दी गई है। इसी के चलते यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो आने वाले दिनों मैं रजिस्ट्री कराने के लिए तहसील ऑफिस चक्कर काटने से छुटकारा मिल जाएगा। यहां यह बताते चलें कि कुछ ही दिनों में प्रदेश में जमीनों की रजिस्ट्री को लेकर एक नई प्रक्रिया शुरू की जाने वाली है जिसके चलते घर बैठकर ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जमीनों की राशि कराई जा सकेगी इसके लिए वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने मंजूरी दे दी है। सबसे अहम बात यह रहेगी की शारीरिक रूप से कमजोर और गंभीर अवस्था वाले लोगों को जमीन की राशन की प्रक्रिया के लिए रजिस्ट्रार या सब रजिस्ट्रार उनके घर जाकर भी कर सकेंगे। वित्त मंत्री ने बताया कि इसका प्रस्ताव जल्दी ही कैबिनेट की बैठक में मंजूरी के लिए लाया जाएगा। मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलते ही यह व्यवस्था प्रदेश की सभी रजिस्ट्रार कार्यालयों में लागू कर दी जाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार प्रदेश में जमीनों की खरीद स्रोत की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए वचनबद्ध है। प्रदेश में जमीनों को लेकर हो रहे फर्जीवाड़े की जानकारी सामने आने के उपरांत ही यह कदम उठाया गया है,इसके लिए सॉफ्टवेयर तैयार किया जाएगा। वित्त मंत्री ने आगे बताया कि रजिस्ट्री को आधार कार्ड से जोड़ने की केंद्र सरकार से अनुमति पूर्व में ही प्राप्त हो चुकी है। अब जमीनों की खरीद फ्रूट में आधार से प्रमाणित करना जरूरी हो जाएगा।
जमीनों की रजिस्ट्री के लिए अपनाना होगा यह तरीका
- सबसे पहले भूमि की रजिस्ट्री के लिए एक लिंक दिया जाएगा
- जिसपर क्लिक कर संबंधित रजिस्ट्रार कार्यालय से संपर्क कर सकेंगे
- लिंक में ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड कराने की भी होगी सुविधा
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़कर रजिस्ट्री और व्यक्ति का सत्यापन हो सकेगा
- सत्यापन के लिए यूएआईडी की वेबसाइट पर आधार सत्यापन होगा
- ई-हस्ताक्षर के माध्यम से रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.
- रजिस्ट्री ऑनलाइन भी उपलब्ध हो सकेगी