एक तरफ तो केंद्र की सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, महिला सशक्तिकरण, महिला शिक्षा जैसे अभियान चलाती रहती है परंतु धरातल पर इसका उलट ही है जिसका ताजा उदाहरण उधमसिंह सिंह नगर के जेपीएस पब्लिक स्कूल (J.P.S.Public School) में सीटेट(CTET) की परीक्षा के दौरान देखा गया है। परीक्षा केंद्र में उस समय हंगामा हो गया जब महिला परीक्षार्थियों को परीक्षा कक्ष में जाने से पहले सुहाग की निशानी मंगलसूत्र और पैरों में पहने सुहाग के बीछवों को उतारने के बाद ही परीक्षा कक्ष में जाने की अनुमति दी जा सकेगी कहा गया।
जिस पर शादीशुदा महिला परीक्षार्थियों के मना करने पर वहां अफरा तफरी का माहौल हो गया और केंद्र के अधिकारियों में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में किसी तरह मामले को शांत कराकर परीक्षा शुरू करवाई गई। परीक्षा केंद्र के संचालकों के द्वारा लिए गए इस निर्णय से कई विवाहित महिलाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ है क्योंकि वह बिना परीक्षा दिए ही वापस चली गई।
बताया जा रहा है कि रुद्रपुर में टीचर बनने की सबसे अहम परीक्षा सीटेट,(CTET) का परीक्षा केंद्र जेपीएस पब्लिक स्कूल (J.P.S.Public School) को बनाया गया था, परंतु जैसे ही महिला परीक्षार्थियों वहां पेपर देने पहुंची, उनसे उनके सुहाग की निशानी मंगलसूत्र और बीछवे और अन्य गहने उतारने को कहा गया। उसके बाद ही उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी का तुगलकी फरमान सुनाया गया।
परंतु महिलाओं ने इस तुगलकी फरमान को नही माना और परीक्षा केंद्र छोड़कर जाने लगी जिससे वहां पर हंगामा खड़ा हो गया। हंगामे को देखते हुए स्कूल के गेट के बाहर भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात कर दिया गया। जैसे ही हिंदू रक्षा दल को इसकी जानकारी मिली मिली तो वह तुरंत मौके पर पहुंच गए और परीक्षा संचालकों से बातचीत करके बीच का रास्ता निकाला गया कि मंगलसूत्र, कान के कुंडल, अंगूठी और अन्य चीजों पर टेप लगाकर महिलाओं को महिलाओं को परीक्षा की अनुमति दी जाएगी।
एसपी सिटी मनोज कत्याल का कहना है कि CTET की परीक्षा केंद्र के संचालकों द्वारा सीटेट(CTET) के नियमानुसार ही महिलाओं के मंगलसूत्र और अन्य सामग्री उतरवाए गए थे, और कुछ में टेप चिपकाए गए थे। वैसे जोर जबरदस्ती का मामला सामने नहीं आया है, यह सब परीक्षा को नकल विहीन बनाने के लिए किया गया था।
परंतु दूसरी तरफ पीड़ित महिला परीक्षार्थी ने बताया कि जब परीक्षा देने के लिए G.P.S.Public School पहुंची तो संचालकों ने हिंदू महिलाओं की सुहाग की निशानी मंगलसूत्र और बीछवे उतारने के लिए कहा। परंतु महिलाओं ने ऐसा करने से मना कर दिया क्योंकि यह उनकी पति के रक्षा सूत्र हैं, इसलिए वह बिना परीक्षा दिए ही वापस चली गई। संचालकों के इस कृत्य से कई महिलाओं का भविष्य दांव पर लग गया है।
उधर हिंदू रक्षा दल के अध्यक्ष भारद्वाज ने बताया कि जैसे ही उन्हें इस खबर का पता चला वह लोग तुरंत परीक्षा केंद्र पहुंच गए और परीक्षा संचालकों से बातचीत की लेकिन उन्होंने ऐसी किसी बात से साफ इनकार कर दिया।
परंतु परीक्षा खत्म होने के बाद जब महिला परीक्षार्थियों से इस बार में जानकारी ली गई तब उन्होंने बताया कि उनसे सुहाग की निशानीयों को उतारने को कहा गया था। जिस कारण कुछ महिलाएं बिना परीक्षा दिये ही वापस चली गई। इस मामले में जब स्कूल प्रबंधन से बात ही गई तो उन्होंने बताया कि हमने तो परीक्षा केंद्र को अपना जगह दी है इस बारे में तो संबंधित प्रभारी ही उचित बचा सकेगी की उनके नियम क्या हैं और उन्होंने ऐसा क्यों किया।