कृषक कृषि बागवानी और उद्यमी संगठन के सचिव दीपक करगेती ने रुद्रप्रयाग जिले के तिलवाड़ा में कृषकों के मध्य पहुंचकर मीडिया से मुखातिब होकर बताया कि उद्यान विभाग के आला अधिकारियों को भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच का भी खौफ समाप्त हो चुका है।
दीपक करगेती ने बताया कि उद्यान विभाग की जांच जब सीबीआई से मा० उच्च न्यायालय के आदेश के उपरांत हुई तो सीबीआई ने यूके हाईटेक नर्सरी मालिक अनिल रावत पुत्र कर्म सिंह रावत बानपुर देहरादून , तत्कालीन निदेशक हरमिंदर सिंह बवेजा व तत्कालीन मुख्य उद्यान अधिकारी मीनाक्षी जोशी के साथ मिलकर यूके हाईटेक नर्सरी को फर्जी तरीके से नर्सरी बनाने और रजिस्टर करवाने और करोड़ों के पौध आवंटन अपने नाम लेने के आरोप में धारा 409 ,420 ,467, 468 हुआ 471, सेक्शन 7 ,13 (2) r/w 13 (1) पीसी एक्ट 1988 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर दी है
अनिल रावत द्वारा नर्सरी ट्रेनिंग का जो सर्टिफिकेट दिया गया वह भी सीबीआई इंक्वारी में जाली पाया गया, नर्सरी का रजिस्ट्रेशन केवल सेब के पौधों के लिए हुआ लेकिन अनिल रावत ने अखरोट ,खुमानी,पुलम ,कीवी,आदि सभी फल पौधों का आबंटन उद्यान विभाग से प्राप्त कर लिया और इस फ्रॉड में केवल सरकारी सब्सिडी के रूप में अनिल रावत के अकाउंट में 3 करोड़ 28 लाख 92 हजार 27 रुपए ट्रांसफर किए गए जिसे बवेजा तत्कालीन उद्यान अधिकारी और अनिल रावत ने मिल बाटकर उड़ा लिया।
दुर्भाग्य यह है कि इतना सब कुछ होने के बाद भी इस वित्तीय वर्ष 2024-25 में एक बार फिर सीबीआई जांच से बेखौफ उद्यान विभाग की वर्तमान उद्यान निदेशक दीप्ति सिंह के देखरेख और संरक्षण में इसी यूके हाईटेक नर्सरी के मालिक अनिल रावत को पुनः कीवी कटिंग जैसे एलिसन, हैवार्ड , तोमरी तथा सेब कलमी रेड चीफ स्पर प्रजाति लगभग 93 लाख 72 हजार रुपयों के फल पौधों का आवंटन केवल देहरादून जिले में कर दिया गया और मिशन निदेशक महेंद्र पाल के द्वारा लगभग सभी जिलों में इसी यूके हाईटेक नर्सरी को इस वर्ष लगभग 15000 से अधिक कवि ग्राफ्टेड के फल पौधे आवंटित कर दिए गए जिनकी लागत लगभग 41 लाख रुपए से अधिक है ।
इस प्रकार उद्यान विभाग के इन आला अधिकारियों द्वारा पुनः सीबीआई जांच में दोषी पाए गए भ्रष्ट यूके हाईटेक नर्सरी मालिक अनिल रावत को कल 1 करोड़ 35 लाख रुपए के फल पौधों का आवंटन कर एक बहुत बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है।
इस पूरे प्रकरण में उत्तराखंड के कृषि एवं उद्यान के महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान सहित बड़े-बड़े अधिकारी सम्मिलित हैं
और माननीय मंत्री गणेश जोशी जी कुंभकरण निंद्रा से बाहर आने को तैयार नहीं हैं ।
उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि तत्काल इस प्रकरण पर स्वयं हस्तक्षेप कर उत्तराखंड की बागवानी में पनप रहे इस भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए आप भी ठोस कदम उठाएं अन्यथा पुनः संगठन माननीय उच्च न्यायालय की संरक्षण में जाने को बाध्य होगा।
दीपक करगेती के साथ संगठन के अध्यक्ष बीरबान सिंह रावत,संरक्षक केवलानंद तिवाड़ी,उद्यान विशेषज्ञ डॉ राजेंद्र प्रसाद कुकसाल,जिला संयोजक रूद्रप्रयाग शैलेश भट्ट,कौशल रावत,कैलाश गोस्वामी,सतीश भट्ट,रवि नेगी, मीना राना,दीपा देवी,कपिल शर्मा,भगवान सिंह, शिव चरण सिंह,राजेंद्र नेगी, मानवेंद्र नेगी आदि लोग उपस्थित रहे।