केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मादक पदार्थों की तस्करी एवं राष्ट्रीय शिक्षा के संबंधित मामलों के संबंध में आयोजित बैठक मैं मुख्यमंत्री धामी नेवर्चुअल प्रतिभाग किया। बैठक में कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपाल,उप राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी उपस्थित थे।
मुझे धामी ने बैठक के आयोजन के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जिस तरह भारत सरकार पूरी सख्ती के साथ ड्रग ट्रैफिकिंग के खिलाफ कार्य कर रही है, उसी प्रकार उत्तराखंड की सरकार भी ड्रग ट्रैफिकिंग को रोकने और इसके तंत्र को तोड़ने के लिए कारगर प्रयास और उपाय कर रही है।
धामी ने आगे कहा कि उन्होंने उत्तराखंड को 2025 तक ड्रग फ्री प्रदेश बनाने का लक्ष्य रखा है जिसके लिए हर स्तर पर कार्य योजनाबद्ध तरीके से किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 2022 में त्रिस्तरीय एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया गया जिससे मादक पदार्थों की रोकथाम प्रभावी ढंग से की जा सके। राज्य सरकार ने मानिसक स्वास्थ्य नियमावली को भी स्वीकृति दी है। नशे की प्रवृति को रोकने एवं नशाग्रस्त व्यत्तियों को मुख्यधारा से जोड़ने तथा पुनर्वास हेतु प्रदेश के समस्त जनपदों में नशा मुक्त केंद्रों को प्रभावी बनाया जा रहा है। उत्तराखण्ड की जेलों में कैदियों को नशे से छुटकारा दिलाने के लिए काउंसलिंग और सेमिनार भी आयोजित किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में राज्य में चार इंटीग्रेटेड रिहैबिलिटेशन सेंटर फॉर एडिटक्ट्स संचालित हैं। एम्स नई दिल्ली की सहायता से राज्य में एडिक्शन ट्रीटमेंट फेसिलिटी का भी संचालन किया जा रहा है और वर्तमान में एम्स ऋषिकेश में 10 बेड क्रियाशील है। केंद्र सरकार द्वारा उत्तरकाशी, चम्पावत, अल्मोडा एवं श्रीनगर में भी ए. टी. एफ के संचालन हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड को दिए जा रहे इस सहयोग के लिए आभार भी व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के प्रत्येक जनपद के संस्थानों में एंट्री ड्रग क्लब कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें संस्थान के ही जागरूक छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और प्रिंसिपल को सम्मिलित किया गया है। राज्य सरकार द्वारा वर्ल्ड एंटी ड्रग्स डे के अवसर पर 01 लाख 25 हजार युवाओं को ‘एंटी ड्रग शपथ दिलाई गई। सरकार ने एनसीईआरटी को भी ड्रग के विषय को कक्षा 06 से लेकर 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने के लिए प्रस्ताव भेजा है। प्रदेश सरकार ने नशे की रोकथाम के लिए और लोगों को जागरूक करने के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं।