उत्तराखंड हाई कोर्ट ने देहरादून के व्यस्ततम हरिद्वार बायपास रोड में रिस्पना पुल के समीप स्थित अंग्रेजी शराब की दुकान को हटाए जाने के विरोध में की गई याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई करते हुए न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैंठाणीं की एकल पीठ ने दुकान के हटाने के आदेश पर रोक लगाते हुए मुख्य सचिव से 4 हफ्ते के भीतर इसका जवाब पेश करने को कहा है।
कोर्ट ने मुख्य सचिव से पूछा कि एक ही व्यक्ति आबकारी आयुक्त और सचिव कैसे नियुक्त किया जा सकता है आयुक्त के आदेश का रिव्यू सरकार कर सकती है लेकिन आयुक्त के आदेश को सुनने के लिए आपने कैसे इसी व्यक्ति को सचिव का चार्ज भी दे दिया, इसकी सुनाई अब 2 नवंबर को होगी। कल मंगलवार को एकल पीठ में देहरादून निवासी अवनीश छेत्री की याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें उनके द्वारा कहा गया कि उनको हरिद्वार बायपास रोड पर रिस्पना पुल के समीप अंग्रेजी शराब की दुकान का लाइसेंस मिला था,लेकिन आसपास के लोगों ने उसे हटाने के लिए डीएमसी शिकायत की थी।जिस पर जिलाधिकारी ने दुकान हटाने के आदेश भी कर दिए थे। इस आदेश के खिलाफ उन्होंने आबकारी आयुक्त के समक्ष अपील दायर की थी। आबकारी आयुक्त ने अपील को खारिज कर दिया था। इस आदेश को याचिका डालकर कोर्ट में चुनौती दी गई थी जिस पर कोर्ट ने सुनाई करते हुए दुकान के हटाने के आदेश पर रोक लगा दी है। सुनवाई के दौरान कोर्ट के सामने यह बड़ा सवाल भी आया कि एक ही व्यक्ति को आबकारी आयुक्त व सचिव कैसे का चार्ज कैसे दिया जा सकता है