रिपोर्ट- लक्ष्मण बिष्ट
उत्तराखंड बोर्ड में कक्षा दसवीं की टॉपर प्रियांशी रावत को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। हाईस्कूल परीक्षा में 500 मे से 500 अंक लाने वाली प्रियांशी रावत जिस स्कूल में पढ़ाई कर रही थीं उसके पास दसवीं बोर्ड की मान्यता ही नहीं है।
मामले के संज्ञान में आने के बाद अब शिक्षा विभाग ने प्रकरण पर जांच के आदेश दे दिए हैं। बताया गया कि प्रियांशी ने जिस स्कूल में दाखिला लिया, उसकी दसवीं में मान्यता न होने के कारण रजिस्ट्रेशन किसी दूसरे स्कूल से करवाया गया था।
एक तरह से प्रियांशी ने एक डमी स्कूल से बोर्ड की परीक्षा दी थी। उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं की परीक्षा में टॉपर रही प्रियांशी रावत को डमी स्कूल से परीक्षा देनी पड़ी है। बोर्ड परीक्षा में शत प्रतिशत अंक प्राप्त कर उत्तराखंड ही नहीं यूपी का भी रिकॉर्ड तोड़ने वाली पहाड़ की यह बेटी जिस स्कूल में पढ़ती थी, उस विद्यालय को 10वीं की मान्यता तक नहीं है।
विभाग के अधिकारियों के मुताबिक राज्य में कई डमी स्कूल चल रहे हैं। मामले की जांच की जाएगी।जेबीएसजीआईसी गंगोलीहाट पिथौरागढ़ की छात्रा प्रियांशी रावत ने संयुक्त श्रेष्ठता सूची में सर्वोच्च स्थान प्राप्त कर पिछले सभी रिकार्ड ध्वस्त कर उत्तराखंड की 10वीं की बोर्ड परीक्षा में सबसे अधिक अंक लाने वाली छात्राओं में अपना नाम दर्ज कराया। विभाग के अधिकारी शुरुआत में उसे सरकारी इंटरमीडिएट कॉलेज बता रहे थे, लेकिन अब बताया है कि यह अशासकीय विद्यालय है।
इसको डमी स्कूल बताया गया है। पिथौरागढ़ के मुख्य शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार के मुताबिक साधना पब्लिक स्कूल की आठवीं कक्षा तक की ही मान्यता है। संभावना जताई जा रही है कि विद्यालय को इस साल से 9वीं कक्षा की मान्यता मिल जाए।
स्कूल में प्रियांशी के पढ़ने की व्यवस्था थी, लेकिन उसका पंजीकरण जेबीएसजी गंगोलीहाट पिथौरागढ़ से था। अक्सर यह देखा गया है कि मान्यता न होने की वजह से निजी स्कूल बच्चों को अपने यहां पढ़ाते हैं, लेकिन पंजीकरण दूसरे स्कूल में कराते हैं।
महावीर सिंह बिष्ट, माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने बताया प्रदेश में कई डमी स्कूल चल रहे हैं, हरिद्वार जिले में भी इस तरह के मामले हैं। इसकी जांच कराई जाएगी।
वहीं उत्तराखंड के शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं की परीक्षा में टॉपर प्रियांशी रावत के डमी स्कूल मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
बोर्ड परीक्षा में शत प्रतिशत अंक प्राप्त कर पहाड़ की यह बेटी जिस स्कूल में पढ़ती थी, उस स्कूल को 10वीं की मान्यता नहीं मिली है। शिक्षा विभाग के अधिकारी अब इस मामले की जांच कर रहे हैं।
जेबीएसजीआईसी गंगोलीहाट पिथौरागढ़ की छात्रा प्रियांशी रावत ने संयुक्त श्रेष्ठता सूची में सर्वोच्च स्थान प्राप्त कर पिछले सभी रिकार्ड ध्वस्त कर उत्तराखंड की 10वीं की बोर्ड परीक्षा में सबसे अधिक अंक लाने वाली छात्राओं में अपना नाम दर्ज कराया है।