उत्तराखंड। पहाड़ों के खाली होते गांव सरकारों के लिए हमेशा से न केवल पलायन बल्कि सामरिक दृष्टि से भी बेहद चिंताजनक रहे हैं। वैसे तो केंद्र तथा राज्य की भाजपा सरकार उत्तराखंड में भूतिया हो चुके इन गांवों को आबाद करने के लिए पहले से ही प्रयासरत है,लेकिन अब भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड के इन भूतिया गांवों को सत्ताइस के विधानसभा चुनाव की जीत का फॉर्मूला बनाने की तैयारी में है।दरसल, बीजेपी अपने एक अभियान के तहत पहाड़ के गांव छोड़ चुके लोगों की एक लिस्ट तैयार कर रही है। लिस्ट तैयार होने के बाद बीजेपी इन लोगों तक पहुंचेगी और एसआईआर के दौरान इनसे अपने ही गांव में वोट बनाने के लिए अपील करेगी। बीजेपी का मानना है कि ये फार्मूला ना केवल गांव के लिए बेहतर रहेगा, बल्कि 2027 की जीत में भी एक अहम रोल अदा करेगा।
इस प्रयोजन के लिए राज्य की बीजेपी सरकार ने उत्तराखंड से पलायन कर चुके लोगों का डाटा तथा उनके फोन नंबर और वे कहां पर रह रहे हैं, आदि की जानकारी एकत्रित करनी शुरू कर दी है। जानकारी इकट्ठा होने के बाद बीजेपी उन लोगों के दरवाजे तक जाएगी, जो लोग अब राज्य से बाहर या पहाड़ों से उतरकर तराई में आ चुके हैं। बीजेपी चाहती है कि वह लोग अपने पैतृक गांव में ही अपना वोट बनवाएं और वहीं पर मताधिकार का प्रयोग करें।उत्तराखंड में बीजेपी भूतिया हो चुके गांव को अपनी जीत के लिए रास्ता मान रही है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने इसके लिए बाकायदा अपने पदाधिकारियों के बैठक करके यह दिशा निर्देश दिए हैं। अपने दिशा निर्देश में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि हर जिले के हर तहसील के बूथ स्तर का कार्यकर्ता यह जानकारी इकट्ठा करेगा कि उसके आसपास के कितने गांव खाली हो गए हैं और पलायन करने वाले लोग कहां रह रहे हैं अगर कोई पहाड़ों में रहने वाला व्यक्ति अन्य शहर या फिर देहरादून ऋषिकेश हल्द्वानी हरिद्वार जैसे इलाकों में रहने भी लगा है तो उसकी जानकारी इकट्ठा करके संपर्क किया जाएगा।
तत्पश्चात बीजेपी ऐसे लोगों को, गांव में वोट करने के फायदे तथा उनके एक वोट से पहाड़ों की तस्वीर कैसे बदल सकती है, इस संबंध में विस्तार से समझाएगी। बीजेपी गांव छोड़ने वाले लोगों को यह भी बताएगी कि अगर वे लोग अपने-अपने गांव में वोट का प्रयोग करते हैं तो पहाड़ों की विधानसभा लोकसभा सीट में आगामी कुछ सालों में उल्लेखनीय बदलाव हो सकते हैं? और केंद्र सरकार द्वारा दिया जा रहे विकास का पैसा भी उनके गांव में लग सकेगा। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मथुरादास जोशी ने भाजपा की रणनीति इस रणनीति पर प्रकाश डालते हुए मीडिया को बताया कि बीजेपी एक खास रणनीति पर काम कर रही है और इसके अच्छे परिणाम आने वाले समय में देखने के लिए मिलेंगे। एसआईआर से पहले बीजेपी अभियान चला कर सभी से अपील करेगी तथा प्रवासियों के पास पहुंच कर उनसे अपने गांव में वोट बनवाकर मतदान करने का आग्रह करेगी , इससे जनसंख्या का जो बजट होता है उसमें भी बढ़ोतरी होगी। हम पार्टी की तरफ से लोगों को सभी जानकारियां उपलब्ध कराएंगे और उम्मीद है कि लोग इस बात को समझेंगे और वोट अपने गांव में बनवाकर वहीं पर मताधिकार का प्रयोग करेंगे। यहां इस तथ्य का उल्लेख आवश्यक है कि पलायन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में लगभग 1700 से अधिक गांव खाली को चुके हैं और लाखों लोग अलग -अलग राज्य में भी बस चुके हैं।
ऐसे में अगर भाजपा राज्य से बाहर गए सभी मतदाताओं को वापस गांव तक लाने में सफल रहती है, तो यह अभियान विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के लिए तो तुरप का इक्का साबित हो सकता है।









