जिसने हमारे ज़मीर को धिक्कारा।
जिसने हमारे संस्कारों को ललकारा।।
जिसने हमारे समाज को नकारा।
तो वहीं उसी थाली में छेद किया ।।
मैं अपमानित हूं,मैं शर्मिन्दा हूं,
क्रोधित हूं, नि:स्तब्ध हूं, ब्यथित हूं।
इसलिए वक्त है ऐसे व्यभिचारी बेशम्र असभ्य
को समाज के सामने नतमस्तक होकर माफी मंगवाने का।
काशीपुर :-कल रविवार शाम को 4 बजे जगदीश चन्द्र बौड़ाई जिल्लाध्यक्ष उत्तराखंड क्रांति दल, काशीपुर,संयोजक महिला मोर्चा कुसुम लता बौड़ाई के नेतृत्व में एक रैली रामलीला मैदान काशीपुर से मुख्य बाजार होते हुए कोतवाली तक निकाली गई।
काशीपुर बार एसोसिएशन अध्यक्ष की पर्वतीय समाज पर की गई टिप्पणी ने शहर के पर्वतीय समाज के लोगों को सड़कों पर उतरने को विवश कर दिया। पहली बार काशीपुर में किसी मामले में पर्वतीय समाज के लोगों की ऐतिहासिक भीड़ देखने को मिली।
रामलीला मैदान से शुरू हुई इस पर्वतीय जन आक्रोश रैली में हजारों की संख्या में पर्वतीय महिला पुरूषों ने इकठ्ठा होकर अपना शक्ति प्रदर्शन कर एक नई परंपरा डाल दी है। चीमा चौराहे से कटोराताल रोड,माता मंदिर रोड से जेल रोड से होते हुए कोतवाली तक जन आक्रोश रैली पहुंची और कोतवाली के आगे धरना देकर बैठ गये।इसके बाद पर्वतीय समाज के लोगों ने कोतवाल मनोज रतूड़ी को ज्ञापन देकर बार अध्यक्ष के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की। वहीं रैली में वक्ताओं ने बार एसोसिएशन अध्यक्ष संजय चौधरी को सार्वजनिक रूप से पूरे पर्वतीय समाज से लिखित में माफी मांगने की मांग भी की।
पर्वतीय जन आक्रोश रैली में शामिल मुख्य लोगों में बी डी कंडवाल, सुरेन्द्र सिंह जीना, पुष्कर सिंह बिष्ट,दीप चंद्र जोशी, चंद्र भूषण डोभाल,नीरज कांडपाल, पंकज पंत,मोहित उपाध्याय, त्रिलोक सिंह अधिकारी,राज शर्मा,मनोज डोबरियाल, कुसुम लता बौड़ाई, दिनेश चंद्र जोशी,भुवन चंद्र भगत,मनोज पंत,कैलाश माजिला, पूर्व सैनिक कै. बच्चन सिंह नेगी, सु.मे. बिक्रम सिंह रावत, ना.सु. जगदीश चन्द्र बौड़ाई समेत हजारों की संख्या लोग मौजूद रहे।