देहरादून। बीमार ग्रसित और लंबी छुट्टियां लेने वाले शिक्षकों के लिए बुरी खबर है। विभाग ने करीब 60 शिक्षकों को जबरन रिटायर करने जा रहा है।
आपको बता दें कि शिक्षा विभाग की ओर से सूची के साथ सार्वजनिक नोटिस जारी करते हुए इनकी बीमारी और छुट्टियों का ब्योरा तलब कर लिया गया है। विभाग की इस अचंभित कार्रवाई से शिक्षकों में नाराजगी है
जिस कारण प्राथमिक शिक्षक संघ ने इसका विरोध किया है। उनका कहना है कि एक तो यह शिक्षक पहले ही बीमारी और इलाज के खर्च से परेशान हैं। ऐसे में शिक्षा विभाग ने जबरन रिटायरमेंट का फरमान सुनाकर उनकी तकलीफ को बढ़ा दिया है।
जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र रावत ने बताया कि यह शिक्षक भले ही गंभीर बीमारी से परेशान हैं, लेकिन ज्यादातर शिक्षण कार्य में जुटे हैं। ऐसे में इनको जबरन रिटायर करना ठीक नहीं है। अगर जरूरत पड़ी तो इसके खिलाफ आंदोलन भी किया जाएगा।
शिक्षकों के पिछले 10 साल का मांगा गया ब्योरा
जिला शिक्षा अधिकरी-बेसिक प्रेमलाल भारती की ओर से रायपुर, सहसपुर, विकासनगर, डोईवाला, चकराता और कालसी ब्लॉक के उप शिक्षा अधिकारियों को इन शिक्षकों की सूची भेजी गई है। इनका दस साल का परीक्षाफल, गोपनीय आख्या, दस साल में लिए गए अवकाश का विवरण, इनके खिलाफ हुई कार्रवाई, मानसिक एवं शारीरिक अस्वस्थता के अभिलेख और वर्तमान स्थिति का विवरण भी देना होगा।
यहां से है सबसे ज्यादा शिक्षकों की सूचि
गंभीर बीमारी के चलते लिए गए स्थानांतरण और छुट्टियों के आधार पर करीब साठ शिक्षकों का चयन किया गया है, जिसमें सबसे ज्यादा शिक्षक रायपुर ब्लॉक के हैं। जबकि, विकासनगर के भी बड़ी संख्या में शिक्षक इस सूची में शामिल हैं। इसके अलावा चकराता और डोईवाला के भी काफी शिक्षक हैं।