पूर्व मुख्यमंत्री एवं महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। वीडियो में भगत सिंह कोश्यारी जलम में बंदर बांट होने की बात कह रहे हैं। हालांकि वीडियो पुराना है, लेकिन इस दौरान इस वीडियो के वायरल होने के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। वीडियो में भगत दा अपने ही सरकार को कटघरे में खड़े करते दिख रहे हैं।
भगत दा महाराष्ट्र के राज्यपाल भी रह चुके हैं। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के राजनीतिक गुरु भी माने जाते हैं। कहा जाता है कि पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाने में भी एक बहुत बड़ा हाथ भगत दा का भी था। लेकिन भगत सिंह का एक बयान इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब छाया हुआ है। वीडियो से यह भी पता चलता है वीडियो वायरल होने की टाइमिंग जो है वह कई राजनीतिक मायने रखती है। वर्तमान में दिल्ली में उत्तराखंड के नेता लगातार मीटिंग कर रहे हैं। ऐसे में यह बयान वायरल हो रहा है।
यह वीडियो और उसमें भगत सिंह कोश्यारी द्वारा कही गई बातें कोई नॉर्मल बातें नहीं है। वर्तमान में भगत सिंह कोश्यारी किसी पद पर नहीं है। वीडियो में वह कह रहे हैं कि सरकार के अंदर ही लोग करोड़ों रुपए की बंदरबांट कर रहे हैं। उनका मतलब यह है कि वह तो अपने ही मुख्यमंत्री और सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं और कह रहे हैं रमेश गड़िया अभी ताजा-ताजा जलागम के उपाध्यक्ष बने हैं और गड़िया ने ही यही बात भगत दा को बताई है कि जलागम में पैसे का सदुपयोग नहीं हो रहा है। जलागम ने 1000 करोड रुपए स्वीकृत हुआ है लेकिन उसका सदुपयोग नहीं हो रहा है। रमेश गड़िया गत वर्ष अक्टूबर-नवंबर में जलागम के उपाध्यक्ष बने हैं। तो उससे जाहिर होता है कि यह वीडियो भी इसी समय का है। वीडियो में भगत दा बणमा पट्टी का जिक्र करते हुए सुनाई दे रहे हैं, बणमा पट्टी रुद्रप्रयाग जिले के जखोली विकासखंड के अंतर्गत पड़ती है। तो जाहिर है कि यह वीडियो संभवतः रुद्रप्रयाग जनपद के जखोली विकासखंड का है। भगत दा अपने ही शिष्य और मुख्यमंत्री को लेकर कहते हैं कि मैंने धामी जी को कहा कि सब जगह क्यों जा रहा है, थोड़ा पढ़ो लिखो फाइल देखो। तो सीएम बोले क्या करूं लोग बुलाते हैं। फिर कोश्यारी कहते हैं लोग तो बुलाएंगे ही। मुझे भी बुलाते हैं मैं ना तो अंत्री हूं ना मंत्री हूं ना ही संतरी। काम पर ध्यान देना चाहिए। फाइलों पर भी ध्यान देना चाहिए।
ऐसे में भगत दा यह पुराना वीडियो वायरल होने के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।