देहरादून। प्रदेश के 4000 से अधिक अतिथि शिक्षक कार्य बहिष्कार पर हैं। अतिथि शिक्षकों का आरोप है कि बीते दिनों स्थाई अध्यापकों के स्थानांतरण के बाद उनकी जगह सेवाएं दे रहे अतिथि शिक्षकों को अन्य विद्यालयों में शिफ्ट किया जा रहा है। अपनी इन्हीं मांगों को लेकर बीते एक सप्ताह से अतिथि शिक्षक ननूरखेड़ा स्थित शिक्षा निदेशालय पर धरना दे रहे हैं।
गुरुवार 8 अगस्त को सभी अतिथि शिक्षकों ने अपनी इसी मांग को लेकर सचिवालय में प्रदर्शन करने को लेकर परेड ग्राउंड से विशाल रैली निकाली थी। लेकिन इस दौरान भी पुलिस द्वारा उन्हें रास्ते में रोक दिया गया।
गुरुवार रात्रि को ही सभी अतिथि शिक्षकों ने कैंडल मार्च कर अपने साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ प्रदर्शन किया। आज शुक्रवार सभी अतिथि शिक्षक परेड ग्राउंड से जुलूस की शक्ल में मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ चले तो पुलिस ने उन्हें एस्ले हॉल के नजदीक बैरिकेडिंग कर रोक दिया है।
सभी अतिथि शिक्षक बैरिकेडिंग पर ही बैठकर अपने खिलाफ हो रहे अन्याय को लेकर नारेबाजी करने लगे।
यहां बता दें कि बीते दिनों स्थाई शिक्षकों के ट्रांसफर होने के बाद उनकी जगह कार्य कर रहे अतिथि शिक्षकों को विद्यालय से हटा दिया गया और उन्हें दूसरी जगह भेजा जा रहा है, जिस कारण अतिथि शिक्षक बोरिया- बिस्तर लेकर दरबदर भटकने को मजबूर हैं। अतिथि शिक्षकों की मांग है कि दुर्गम से दुर्गम क्षेत्र में वह अल्प मानदेय में अध्यापन का कार्य कर रहे हैं, जब विद्यालय में वह सेवाएं दे रहे हैं तो उनके पद को रिक्त ना माना जाए। स्थाई शिक्षक के आते ही उन्हें विद्यालय से हटा दिया जाता है, अपनी इसी मांग को लेकर सभी अतिथि शिक्षक कार्य बहिष्कार पर हैं।