देहरादून। अक्सर विवादों में रहने वाला नगर निगम देहरादून एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है। इस बार नगर निगम की 13 हजार से अधिक सरकारी फाइलें रहस्यमय तरीके से गायब गई।
वर्ष 1989 से 2021 तक नगर निगम अभिलेख से 13,743 फाइल गायब होने का खुलासा होने से शहरी विकास विभाग भी भौंचक्का है। हैरानी की बात है कि इतनी बड़ी संख्या में फाइलों के गायब होने के बाद भी इस बात का खुलासा नहीं हो पा रहा है कि यह फाइलें आखिर गई कहां?
राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट के निर्देश पर नगर निगम द्वारा छह माह में तैयार की गयी रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि वर्ष 1989 से 2022 तक नगर निगम अभिलेखों से 13 हजार 743 पत्रावलियां गायब है। राज्य सूचना आयुक्त ने इतनी बड़ी संख्या में पत्रावलियों के नगर निगम से गायब होने को गंभीरता से लेने की जरूरत बताते हुए संपूर्ण प्रकरण शासन को संदर्भित किया है। आयोग ने आश्चर्य व्यक्त किया है कि इतनी बड़ी संख्या में पत्रावलियां गायब होने के लिए कोई जवाबदेह नहीं है।
राज्य सूचना आयोग ने आशंका जताई है कि फाइल गायब होने के पीछे कोई बड़ा राज है, जिसे सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया जा रहा है।
देहरादून निवासी तरुण गुप्ता की अपील पर सुनवाई के दौरान राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने यह मामला पकड़ा। तरुण गुप्ता की फाइल भी इन अभिलेखों से गायब है। बहरहाल मामले की जांच चल रही है अब देखना होगा कि पिछले 34 सालों गायब हो रही इन फाइलों के पीछे क्या राज है!