उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ट्रैफिक पुलिस का एक बड़ा कारनामा सामने आया है यहां ट्रैफिक पुलिस की रेसर बाइक जो चली भी नहीं उसके नाम पर तेल पीने का जबरदस्त खुलासा हुआ है। सबसे मजेदार बात तो यह है की एक बाइक तो ऐसी है जो 6 महीने में सिर्फ एक दिन चली और 146 लीटर पेट्रोल का उस पर खर्च दिखाया गया है।ऐसी ही तीन अन्य बाइकों में भी पेट्रोल की खपत में इसी तरह का गोलमाल किया गया है। चार रेसर बाइकों के नाम पर सैकड़ों लीटर तेल दिखाकर पूरी तरह से सरकारी पैसे की लूट की गई है। वर्ष 2020 में कमिश्नरेट पुलिस ने पेट्रोलियम के लिए 10 रेसर बाइक ली थी, जिन में से चार ट्रैफिक पुलिस को दी थी। इन बाइकों में तेल का घोटाला पिछले साल जून से नवंबर के बीच में किया गया है।
इसमें एक बाइक यूपी 32 ईजी 8096 नंबर की बाइक भी शामिल है। खास बात ये है कि यह बाइक पिछले साल जुलाई में सिर्फ एक दिन चलना दिखाया गया है,जिसकी एंट्री जीडी पर दर्ज है। परंतु जून से नवंबर तक यानी छह महीने में कागजों पर 146 लीटर पेट्रोल की खपत इस बाइक में दिखाई गई है।
पेट्रोल की खपत कुछ इस तरह रही:
- यूपी 32 ईजी 8096 नंबर की बाइक छह महीनों में नवंबर में एक भी दिन नहीं चली, लेकिन पेट्रोल की खपत 51 लीटर हो गई। वहीं यही बाइक अगस्त में एक दिन चली और पेट्रोल की खपत 27 लीटर दिखाई गई। इसी तरह से पूरा खेल किया गया।51-51 लीटर पेट्रोल पड़ा।
- यूपी 32 ईजी 2363 नंबर की बाइक के ईंधन खपत में भी बड़ा हेरफेर किया गया। पिछले साल छह महीनों में से नवंबर में ये बाइक चार दिन चली, जिसमें 51 लीटर पेट्रोल की खपत दिखाई गई। सितंबर में 23 दिन में नौ लीटर और अक्तूबर में 23 दिन में 50 लीटर की खपत दिखाई। ये आंकड़े घोटाले पर मुहर लगा रहे हैं।
- यूपी 32 ईजी 2366 में वर्ष 2022 के नवंबर में तीन दिन में 51 लीटर, अक्तूबर में 9 दिन में 50 लीटर और अगस्त में 2 दिन में 27 लीटर की खपत दिखाई गई।
प्रकरण की जांच का खुलासा होने पर कई नपेंगे
जानकारी मिलने के पश्चात विभागीय जांच की गई जिसमें यातायात पुलिस लाइन सदर के स्टोर प्रभारी हेड कॉन्स्टेबल रविंद्र नाथ तिवारी व परिवहन शाखा के दो अन्य पुलिसकर्मी जांच में दोषी पाए गए हैं। दोनों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है। ADCP (सुरक्षा हाईकोर्ट) अशोक कुमार प्रकरण के पीठासीन अधिकारी हैं। वही सुनवाई कर रहे हैं। हेड कॉन्स्टेबल पर बर्खास्तगी तक की कार्रवाई हो सकती है।
बयानों में की आरोपों की पुष्टि पुलिसकर्मियों ने पुष्टि
मामले में कई पुलिसकर्मियों को गवाह बनाया गया है। उन्होंने अपने बयानों में आरोपों की पुष्टि की है। अब 30 सितंबर को पीठासीन अधिकारी के सामने बयान होने हैं। सभी को वहां भी अपने बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस देकर बुलाया गया है।