उत्तर प्रदेश के चर्चित पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य मामले में पति आलोक बुधवार को जांच कमेटी के सामने उपस्थित हुए और स्वीकार किया कि शिकायतें उन्होंने ही की हैं। कमेटी के सदस्यों ने पूछताछ शुरू की तो आलोक ने कहा कि उनको अपने बयान और साक्ष्य उपलब्ध कराने के लिए 20 दिन का समय दिया जाए।
इस पर कमेटी ने आलोक को 28 अगस्त को अपना पक्ष रखने के लिए दोबारा बुलाया है।
अपर आयुक्त अमृत लाल बिंद की अध्यक्षता में शामिल तीन सदस्यीय कमेटी ने पूछताछ के लिए आलोक को बुधवार को बुलाया था और ज्योति को भी इसी हफ्ते बुलाया है।
परंतु दोनों ने मंगलवार को ही अपर आयुक्त से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा था, लेकिन यह अनौपाचारिक मुलाकात रही। नोटिस में निर्धारित समय के अनुसार, आलोक बुधवार को कमिश्नरी में कमेटी के सामने उपस्थित हुए। सदस्यों ने आलोक की ओर से ज्योति के खिलाफ लगाए गए आरोपों के परिपेक्ष्य में पूछताछ की।आलोक ने इस दौरान फिर आरोप दोहराए, लेकिन सदस्यों के सवाल व साक्ष्य मांगे जाने पर 20 दिन का समय मांगा। इसके बाद आलोक को 28 अगस्त को साक्ष्यों के साथ उपस्थित होने के लिए कहा गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 28 अगस्त को आलोक की ओर से साक्ष्य उपलब्ध कराने एवं बयान दर्ज कराए जाने के बाद ज्योति से भी पूछताछ की जाएगी। जांच कमेटी के अध्यक्ष अपर आयुक्त ने अभी इस बारे में कुछ भी बोलने से इंकार करते हुए कहा कि जांच की जा रही है।
पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य के पति आलोक मौर्य ने ज्योति मौर्य पर आरोप लगाया था कि उसने पद का दुरुपयोग कर करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया है। इस पैसे से उन्होंने जगह -जगह पर संपत्ति बनाई है। कई सेक्टर में निवेश भी किया है। लेनदेन के समर्थन में उसने वह लिखापढ़ी के कागजात भी सौंपे हैं, जिसमें किस अधिकारी से कितना लिया का ब्यौरा दर्ज है। ज्योति मौर्य कौशांबी के चायल तहसील में 2019 से 2021 के बीच तैनात रही हैं। उनकी कथित डायरी में इस दौरान भ्रष्टाचार से मिलने वाले रुपयों का हिसाब-किताब लिखा गया है। यदि अक्तूबर 2021 की बात की जाए तो केवल एक महीने में ज्योति मौर्य ने 6.4 लाख रुपये अवैध रूप से कमाए हैं। इसमें यह भी लिखा है कि हर महीने 15 हजार रुपये सप्लाई इंस्पेक्टर और 16 हजार मार्केटिंग इंस्पेक्टर देते हैं। हर पेज पर हर महीने भ्रष्टाचार का हिसाब- किताब, कहां से कितना रुपया मिला, कहां खर्च किया सब दर्ज है । अब यह डायरी जांच का विषय बन गई है।
शासन के निर्देश पर प्रयागराज के मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत को इस प्रकरण की जांच सौंपी गई है। मंडलायुक्त ने अपर आयुक्त प्रशासन अमृतलाल बिंद, एडीएम प्रशासन हर्षदेव पांडेय और एसीएम प्रथम जयजीत कौर की कमेटी गठित कर जांच शुरू करा दी है। जिसके चलते पीसीएस अधिकारी को नोटिस भेजकर उनसे उनकी संपत्ति का ब्यौरा मांगा गया है। झलवा में उनके मकान के साथ ही प्लाट और फ्लैट की भी जानकारी मांगी गई है।
यदि पति आलोक मौर्य के लगाए गए आरोप साबित हो जाते हैं तो ज्योति मौर्य का निलंबन हो सकता है और उनके खिलाफ विभागीय जांच भी हो सकती है। ज्योति के मातहत कर्मचारी रह चुके आपूर्ति निरीक्षक और मार्केटिंग इंस्पेक्टर से भी इस बाबत पूछताछ हो सकती है।
प्रयागराज के रहने वाले उसके पति आलोक मौर्य से रिश्तों में खटास के बाद आरोप लगाया कि पीसीएस अफसर ज्योति मौर्य का होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे के साथ अफेयर चल रहा है। दोनों उनकी हत्या कराने की साजिश रच रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक कमांडेंट मनीष कुमार का पहले भी कई महिलाओं के साथ अफेयर के प्रकरण सामने आ चुके हैं। पीसीएस ज्योति मौर्य के पति आलोक मौर्य प्रयागराज के निवासी हैं और पंचायतीराज विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। शादी के बाद ज्योति मौर्य का पीसीएस में चयन हुआ था। उनके पति ने अपनी शिकायत में कमांडेंट मनीष दुबे पर तमाम गंभीर आरोप लगाए हैं। आलोक ने अपने शिकायती पत्र में कहा कि शादी के बाद उसने अपनी पत्नी को इलाहाबाद में पीसीएस की तैयारी कराई थी। होमगार्ड कमांडेंट से अफेयर होने के बाद ज्योति ने मेरे खिलाफ दहेज का झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया था। उसने अपनी शिकायत के साथ उन दोनों के बीच हुई कुछ व्हाट्सएप चैट और होटल में ठहरने की जानकारी भी दी है।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार कमांडेंट मनीष दूबे का पहले एक महिला होमगार्ड के साथ अफेयर भी हुआ था, जिसकी शिकायत की गई थी। उस पर लखनऊ की एक युवती के साथ आर्य समाज पद्धति से विवाह करने का भी आरोप लग चुका है। आलोक और ज्योति की शादी वर्ष 2010 में हुई थी । 2015 में यूपीपीएससी में एसडीएम के पद पर ज्योति मौर्य का चयन हो गया । ज्योति मौर्य ने एसडीएम के पद पर 16 वी रैंक हासिल की थी। ज्योति मौर्य इन दिनों बरेली स्थिति चीनी मिल में जीएम के पद पर तैनात हैं। जबकि पति आलोक कुमार मौर्य ग्राम पंचायत विभाग में प्रतापगढ़ जिले में कार्यरत हैं।