प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी वेबसाइट के माध्यम से लोगों से 12 करोड़ रुपए निवेश कराने के नाम पर ठगी करने वाले लोगों के दफ्तरों से एक करोड़ तीन लाख तथा ₹1500000 बैंक खातों में भी फ्रीज कर दिए हैं।
वर्ष 2021 में दर्ज हुए इस मुकदमे में एसटीएफ अभी तक गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार कर चुकी है। साथ ही चार को नोटिस और दो के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किए गए हैं।
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल के अनुसार, चार सितंबर 2021 को अमित कुमार निवासी ज्वालापुर हरिद्वार ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी कि उन्हें अज्ञात व्यक्ति ने वाट्सएप पर मैसेज कर आनलाइन ट्रेडिंग का झांसा दिया था।
अमित ने बताया कि उन्होने जीएलसी लिमिटेड की वेबसाइट पर संपर्क किया था। जिन्होंने सोना, रेड वाइन और मसालों में निवेश कर मोटी कमाई का झांसा दिया था। अमित का कहना है कि उन्होंने इस वेबसाइट के जरिए उनके खातों में 1500000 रुपए भेज दिए थे। जब साइबर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच की तो मामला 1000 करोड से ज्यादा की ठगी का निकला।
इसके कुछ दिन बाद ही एसटीएफ और साइबर पुलिस की टीम ने पंजाब से एक फिल्म निर्माता समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया तथा इसके बाद कुल 13 आरोपियों पर कार्रवाई हो चुकी है। एसटीएफ ने इस मामले की जांच ईडी से कराने के लिए भी पत्र लिखा। शुरुआती जांच के दौरान पाया गया कि साइबर ठगों ने मॉरिशस, सिंगापुर आदि देशों में भी क्रिप्टो के जरिये पैसे भेजे थे। इसमें एसटीएफ ने दिल्ली से भी कुछ हाल एजेंटों को गिरफ्तार किया था।
ईडी को जांच में महाराष्ट्र ,मध्य प्रदेश दिल्ली की कुछ फर्जी कंपनियों के दफ्तरों को खंगालाने के बाद इन कंपनियों के दफ्तरों में रखे 1.3 करोड़ रुपये सीज किए हैं। उत्तराखंड एसटीएफ भी इसकी जांच में लगी हुई है।ईडी के अनुसार, डिजिटल मीडिया एंड इंटरटेनमेंट, आयरनगेट प्रोडक्शन प्रा. लि., शेली कारगो एंड ट्रांसपोर्ट प्राइवेट लि. और सुनहरी एग्जिम प्रा. लि. के स्टेट बैंक ऑफ मॉरिशस की नरीमन प्वाइंट, मुंबई में खाते हैं। इन्हीं खातों में 15.8 लाख रुपये जमा किए गए थे। इस खाते से पैसा विदेशों में भी भेजा गया है। एसटीएफ की जांच में भी यह बात सामने आई थी कि इन बैंक खातों से 10 करोड़ रुपये से भी अधिक विदेशों में भेजे गए हैं।