हरिद्वार। पेपर लीक मामले में आरोपी खालिद ने आईफोन-12 मिनी से अपनी योजना को अंजाम दिया। पुलिस के अनुसार खालिद ने आईफोन-12 मिनी से पेपर की फोटो खींचकर अपनी बहन को भेजी थी। बहन के नाम से ही फोटो भेजा गया था। आरोपी ने पहली बार शौचालय में जाकर पेपर भेजा और दूसरी बार शौचालय में जाकर जवाब देखें।
आरोपी खालिद ने अपनी बहन के लिए प्रोफेसर सुमन से मदद मांगी थी। उसने पहले कहा कि उसकी बहनें परीक्षा की तैयारी कर रही हैं, इसलिए आप उनकी मदद कर दें। इस प्रकार खालिद ने बहन के माध्यम से पेपर की फोटो बाहर भेजी। ग्यारह बजे से 12.30 बजे तक आईफोन 12 मिनी परीक्षा केंद्र के आसपास सक्रिय रहा। पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि शक होने पर खालिद ने फोन ट्रेन से फेंक दिया। इसके बाद उसने अपनी मोबाइल डिवाइस फॉर्मेट कर दी, ताकि सुराग न मिले।
पुलिस ने बताया कि खालिद के दांवपेच व बहन के माध्यम से पेपर भेजने की योजना का खुलासा हो चुका है। जांच में सामने आया कि फिलहाल उसने अकेले फोटो भेजने की बात मानी है। सूत्रों के मुताबिक, खालिद ने पुलिस को बताया है कि उसने अपना फोन रुड़की के पास ट्रेन से फेंक दिया था। आईफोन में मौजूद सिम खालिद की एक बहन के नाम पर था जिसका नंबर कम ही लोगों के पास था।
पेपर लीक कांड के सामने आने के बाद असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पेश किया था और उससे पेपर परीक्षा केंद्र से बाहर आने की कहानी को बयां करवाया था। परीक्षा के दौरान हुए घटनाक्रम की एसआईटी जांच में पाया गया कि सुमन, जो अमरोडा डिग्री कॉलेज प्रतापनगर टिहरी गढवाल में असिसटेंट प्रोफेसर के पद पर है के मोबाइल पर प्रातः 07:55 बजे पर खालिद मालिक नामक व्यक्ति के मोबाइल से व्हाट्सएप मैसेज आया कि सिस्टर के पेपर हैं, उसकी मदद करनी है। जिस पर प्रातः 08:02 बजे श्रीमती सुमन ने OK मैसेज किया गया, उसके पश्चात प्रातः 11:34 बजे खालिद के नंबर से खालिद की बहन साबिया व हिना की व्हाट्सएप कॉल आई।
11:35 बजे स्नातक स्तरीय परीक्षा के प्रश्न पत्र के 03 पेज की फोटो, जिसमें 12 प्रश्न थे, सुमन के मोबाइल नंबर पर प्राप्त हुए। सुमन ने उक्त प्रश्नों के उत्तर हाथ से लिखकर महज 10 मिनट के भीतर प्रातः 11:45 बजे खालिद के मोबाइल नंबर पर भेज दिए। अब सुमन ने पुलिस को बताया कि उत्तर भेजने के बाद उसे कुछ शक हुआ कि आज कोई पेपर तो नही है। इस संबंध में सुमन ने अपनी बहन सीमा से पूछा तो उसकी बहन ने कहा कि मेरे पास बॉबी पंवार का नंबर है, उससे यह बात मालूम करनी चाहिए। सुमन ने किसी अधिकृत विभाग को सूचना देने के बजाय समय दोपहर 12:21 मिनट पर बॉबी पंवार का नंबर मिलाकर उससे बात की तथा समय 12:28 मिनट पर बॉबी पंवार को तीनों पेज के साथ ही हाथ से लिखे उत्तर व्हाट्सएप पर भेजे।
दोपहर 12:32 मिनट पर सुमन ने फिर से कॉल की, जिसमें बॉबी पंवार ने कहा कि इस बारे में किसी को मत बताना और उसके पश्चात दोपहर 12:42 और 12:43 मिनट पर भी कॉल की गई। बॉबी पंवार को परीक्षा के दौरान ही यह प्रश्न पत्र के 3 पेज व हाथ से लिखे उत्तर मिल गये थे। पुलिस के अनुसार यदि बॉबी के स्तर से समय पर किन्हीं भी अधिकृत विभागों को सूचित कर दिया जाता तो इस पर तत्काल प्रभावी कार्रवाई की जा सकती थी। इस प्रकरण में सुमन द्वारा बॉबी पंवार की बात पर विश्वास करते हुए किसी भी अधिकृत विभाग को प्रकरण की जानकारी नहीं दी गई। जिससे इन अनुचित संसाधनों से कुछ परिक्षार्थियों को अनुचित लाभ पहुंचा है।
एसएसपी ने कसा शिकंजा, नेटवर्क का होगा पर्दाफाश
देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने पेपर लीक की सूचना मिलते ही रविवार को एसआईटी गठित कर दी थी। सोमवार को रिपोर्ट सामने आने के बाद भर्ती में अनुचित साधन रोकथाम एवं निवारण अध्यादेश 2023 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। परीक्षा आयोजित किए जाने से एक दिन पहले अभ्यर्थियों को पास कराने के लिए 12 से 15 लाख रुपए में डील करते कुख्यात नकल माफिया हाकम सिंह और उसके साथी पंकज गौड़ को गिरफ्तार किया जा चुका है। हाकम, पूर्व के भर्ती और नकल घोटाले में आरोपी है और अभी जमानत पर बाहर था।
एसएसपी अजय सिंह के अनुसार एसपी देहात जया बलोनी को इस हाई-प्रोफाइल केस की जांच सौंपी गई है। तभी से पुलिस फरार आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही थी। तकनीकी टीम को लोकेशन ट्रैक करने का जिम्मा सौंपा गया था। इस दिशा में पुलिस को सफलता मिली और साबिया की गिरफ्तारी, सुमन, हिना को हिरासत में लेने के बाद अब पेपर लीक की अहम कड़ी खालिद को गिरफ्तार किया जा चुका है।