अल्मोड़ा। लंबे समय से अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज विवादों में रहा है। कुमाऊं मंडल का विशेषज्ञ अस्पताल अब खुद में लाचार नजर आ रहा है। इसे स्वास्थ्य विभाग की कमी कहेंगे या अस्पताल प्रशासन की लापरवाही! यह जांच का विषय होना चाहिए।
यहां बता दें कि सोबन सिंह जीना मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा मे ऑक्सीजन प्लांट, विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी, सिटी स्कैन मशीन की खराबी तो हैं ही, यहां से गर्भवती महिलाओं तक को अनावश्यक रेफर किया जाता है। मेडिकल कॉलेज में एक गर्भवती की डिलीवरी करवाने तक की सुविधाएं मौजूद नहीं हैं।
अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज, जो कि इस समय कुमाऊं के पर्वतीय क्षेत्र के लाखों निवासियों के लिए जीवनरक्षक चिकित्सालय की भूमिका निभाता है, अब गहरी स्वास्थ्य सेवा संकट का सामना कर रहा है। बीते कई वर्षों से बुनियादी सुविधाओं की कमी, जनहित के मुद्दों की अनदेखी, और प्रशासन की निष्क्रियता ने मरीजों की जिंदगी को जोखिम में डाल दिया गया है।
अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज परिसर में वर्षों से ऑक्सीजन प्लांट स्थापित है और हाल ही में बूस्टर उपकरण भी लगाया गया है।
फिर भी आश्चर्यजनक और निंदनीय है कि स्थानीय जनता को ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिल कराने के लिए मजबूरन दूरस्थ शहर हल्द्वानी या रुद्रपुर जाना पड़ रहा है। यह न केवल असुविधाजनक है बल्कि गंभीर रोगियों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। लगातार समाज के लिए समर्पित रहे सामाजिक कार्यकर्ता संजय पांडे ने महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य प्रो. आशुतोष सयाना को इस मामले में अवगत कराया है साथ ही मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर भी शिकायत दर्ज करवाई है।
अब देखना होगा कि प्रदेश के चर्चित अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज मे चल रही अनियमितताओं की पूर्ति होगी या फिर जनता को सड़कों पर उतरना पड़ेगा!!!