सहारनपुर से एक वर्दी की हालत दिखाने वाले दुर्गा की करतूत सामने आ रही है बताया जा रहा है कि थानेदारी का रौब दिखाते हुए हुए खनन कारोबारी पूर्व एमएलसी इकबाल की करोडों की बेनामी संपत्ति को कौड़ियों के भाव खरीदकर पत्नी के नाम कराने वाले थानेदार को निलंबित कर दिया गया है। एसपी यातायात द्वारा सौपी गई जांच रिपोर्ट के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की ओर से थानेदार के खिलाफ निलंबन की बड़ी कार्यवाही की गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार करोड़ों की जमीन को कौड़ियों के दाम खरीद कर अपनी पत्नी के नाम करने वाले मिर्जापुर में तैनात इंस्पेक्टर नरेश कुमार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉक्टर विपिन ताडा ने भ्रष्टाचार के खिलाफ चोट करते हुए की है।
सस्पेंड किए गए इंस्पेक्टर ने 25 बीघा जमीन केवल 48 लाख रुपए में खरीदकर अपनी उसे अपनी पत्नी के नाम करा दी थी। इंस्पेक्टर पर आरोप है कि उसके द्वारा खरीदी गई जमीन फरार चल रहे पूर्व एमएलसी खनन कारोबारी हाजी इकबाल की बेनामी संपत्ति थी जो उसने एक ग्रामीण के नाम पर कर रखी थी।
आरोप है कि हाजी इकबाल की इस बेनामी संपत्ति को पत्नी के नाम कराने के लिए निलंबित किए गए इंस्पेक्टर ने अपनी वर्दी का सहारा लिया था, जिसके चलते उसने उस ग्रामीण को जिसके नाम पर हाजी इकबाल की यह करोडों रूपये मूल्य की संपत्ति थी,को इंस्पैक्टर और दरोगा ने दो दिन तक थाने में बैठाकर रखा गया था। मिर्जापुर थाने के तैनात तत्कालीन इंस्पेक्टर नरेश कुमार एवं एक दरोगा ने जमीन को कब्जे में लेने के लिए बड़ा खेल किया था।
लखनऊ के मेहंदीगंज क्षेत्र के रहने वाले सचिन सिंह ने अपने वकील के द्वारा मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजकर आरोप लगाया था कि इंस्पेक्टर ने अपने पद का रौब दिखाते हुए लोगों को डरा धमकाकर यह जमीन खरीदी है। एसपी ने इस मामले की जांच पुलिस अधीक्षक यातायात सिद्धार्थ वर्मा को सौंपी थी। एसपी ट्रैफिक द्वारा की गई जांच में इंस्पेक्टर को विभागीय नियमों का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया था। इस रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा इंस्पेक्टर नरेश कुमार को निलंबित कर दिया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डाक्टर विपिन ताडा ने इस मामले की विभागीय जांच किए जाने के भी आदेश दिए हैं और यह जांच एसपी देहात सागर जैन को सौंपी है।