उत्तराखंड में भू-कानून लागू करने में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार को क्या परेशानी हो रही है? यह सवाल नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने उत्तराखंड सरकार से पूछ कर सशक्त भू-कानून की मांग उठाई है।आर्य ने भू-कानून पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार को इतना सोचना क्यों पड़ रहा है।पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनाव से पूर्व कहा था कि पहाड़ का पानी और जवानी यहीं के काम आयेगी। इसके लिए जनहितकारी कानून बनाया जाएगा इसके लिए एक कमेटी का गठन भी किया गया। लेकिन काफी लंबा वक्त बीतने के बाद भी इस संबंध में बनाई गई कमेटी के सुझावों को लागू नहीं किया गया है। यशपाल आर्य ने कहा कि यहां के जल, जंगल और जमीन को बचाने के लिए ही उत्तराखंड राज्य बनाने के लिए लंबा संघर्ष किया गया तथा कई लोगों ने अपनी जान की शहादत भी दी है। लेकिन आज भी बाहरी राज्यों के धनवान लोग, भू-माफिया यहां सख्त कानून न होने की वजह से बड़े पैमाने पर बेरोकटोक जमीने खरीद रहे हैं। छोटे से लालच और मजबूरी के चलते राज्य के किसान बेदखल हो रहे हैं। बिचौलिए और भू माफिया स्थानीय निवासियों को शोषण कर रह अवैध निर्माण कर रहे हैं। जिससे जनसंख्या भी बेतहाशा रूप से बढ़ रही है।यही पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है और स्थानीय लोगों के हकों में लगातार कुठाराघात कर रहा है। सरकार को इसके लिए ठोस कदम उठाना चाहिए ताकि राज्य कृषि भूमि कम ना हो और युवाओं को बेरोजगारी और पलायन का सामना ना करना पड़े। आर्य ने कहा कि जनहित में समिति की संस्तुतियों को लागू कर के भू कानून को जल्दी लागू किया जाना चाहिए। जिससे राज्य की सिंचित और असिंचित भूमि को बचाया जा सके।