नर नारायण पर्वत के पास बसा है प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर माणा गांव। वासी भारत के अंतिम गांव के रूप में जानते थे लेकिन बीआरओ की पहल पर अभी भारत का अंतिम नहीं पहला गांव बन गया है। सड़क सीमा संगठन ने सीमा गांव महाराणा के प्रवेश द्वार पर देश के अंतिम गांव के स्थान पर पहले गांव का साइन लगा दिया है। वर्ष 2022 में मानव में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुष्कर सिंह धामी द्वारा महाराणा को भारत का अंतिम गांव की बजाय पहला गांव कहे जाने पहल की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने उद्बोधन में कहा की यह पहल की, कि माणा देश का पहला गांव है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था- “मेरे लिए तो बॉर्डर पर बसा हर गांव देश का पहला गांव है।
पहले जिन जगहों को देश के सीमाओं का आखरी अंत मानकर अनदेखा किया जाता था। हमने वहां से देश की समृद्धि का आरंभ मानकर शुरू किया। सभी लोग माणा आएं, यहां डिजिटल टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है.” इससे पहली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक बता चुके हैं।
बद्रीनाथ धाम से लगभग 5 किमी दूर चमोली जिले में का माणा गांव है। ये खूबसूरत गांव भारत-चीन सीमा से 24 किमी दूर है। भारत में ट्रेकिंग के लिए सबसे अच्छे स्थानों में से एक माणा गांव को माना जाता है।