थूक जेहाद वाले बाहरी मुस्लिम, स्थानीय मुस्लिम तो भाईचारे वाले : सीएम, महेंद्र भट्ट व रामदेव के बयान
बीते सप्ताह में मुस्लिम समुदाय के युवकों द्वारा देहरादून, मसूरी और थराली में खाद्य सामग्रियों पर थूकने अथवा छेड़खानी की घटनाओं पर जहां भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि उत्तराखंड का मुसलमान देवभूमि के स्वरूप को समझता है और वह ऐसी हरकत नहीं कर सकता यह भारी राज्य के लोगों की साजिश थी जो देवभूमि का माहौल बिगाड़ना चाहते हैं।
वही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में दशहरे मेले के अवसर पर कहा कि डेमोग्राफी को बदलने के हर प्रयास को सरकार विफल करेगी और वह उत्तराखंड से लैंड जिहाद , मजार जिहाद , लव जिहाद और थूक जिहाद का कलंक मिटा कर रहेंगे।
इन घटनाओं पर बाबा रामदेव ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश में खाने-पीने की चीजों में थूकने और मूत्र मिलने की घटनाओं से इस्लाम और कुरान बदनाम होते हैं। इसके लिए मुस्लिम धर्म गुरुओं को मौन छोड़कर आगे आना चाहिए। यह सभ्य समाज पर कलंक के समान है।
मसूरी की घटना को लेकर वहां रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी कड़ी कार्रवाई की अपील की है , जिसका महेंद्र भट्ट ने स्वागत किया और कहा कि कुछ ऐसी राजनीतिक पार्टियों से भी सतर्क रहने की जरूरत है जो सिर्फ वोट बैंक बढ़ाने के लिए बाहरी आपराधिक तत्वों को संरक्षण दे रही है।
गौर तलब है कि हाल ही में घटी मसूरी, पुरोला, कर्णप्रिय, और थराली की घटनाओं में राज्य के बाहर से आए मुस्लिम समुदाय के लोगों की संलिप्तता पाई गई। जांच में भी यह बात सामने आई है कि स्थानीय मुस्लिम इस तरह की घटनाओं में लिप्त नहीं थे ।
महेंद्र भट्ट ने कहा कि स्थानीय मुस्लिम समाज की भूमिका अहम हो जाती है ताकि सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत ऐसी घटनाओं का विरोध किया जा सके।
अल्पसंख्यक समुदाय के राज्य वासी अपने मध्य से ऐसे लोगों को चिन्हित करें और प्रशासन के साथ उनकी जानकारी साझा करने में सहयोग करें । तभी इस तरह की घटनाओं पर रोक लग सकती है।