जीरो टॉलरेंस की धामी सरकार ने अपना चाबुक चलाते हुए वित्तीय अनियमितताओं, भ्रष्टाचार के आरोपों में दोषी पुरोला नगर पंचायत के अध्यक्ष हरिमोहन नेगी को बर्खास्त कर दिया है। इस बर्खास्तगी के साथ ही पद को रिक्त घोषित कर दिया गया है। शासन ने यह निर्णय जिलाधिकारी और शहरी विकास निदेशालय की जांच व हरिमोहन नेगी से जवाब मिलने के बाद लिया है। नगर पंचायत पुरोला के वार्ड नंबर 1, 2, 3 और 6 के सभासदों क्रमश: भुवनेश, सुषमा चौहान, धनवीरी चौहान और विनोद नौडियाल ने अध्यक्ष हरिमोहन नेगी पर वित्तीय अनिमितताओं का आरोप लगाते हुए शपथपत्र के साथ लिखित शिकायत जिलाधिकारी और शहरी विकास निदेशालय को दी थी।
अध्यक्ष हरिमोहन नेगी पर राज्य वित्त सहित 15वें वित्त और अवस्थापना मदों के तहत कराए गए कार्यों में अनियमितता, बोर्ड बैठक के प्रस्ताव के अभिलेखों में ओवरराइटिंग, कोविड-19 के दौरान 26.25 लाख के सामान खरीदने, चार कार्मिक आउटसोर्सिंग से भर्ती करने, विद्युतीकरण में आउटसोर्सिंग से भर्ती करने, विद्युतीकरण में फर्जीवाड़े, निजी वाहनों में डीजल-पेट्रोल का इस्तेमाल करते हुए नगर पंचायत से भुगतान जैसे संगीन आरोप थे। मामले में जिलाधिकारी उत्तरकाशी ने पिछले साल आठ जुलाई को जांच रिपोर्ट शासन को भेजी थी, जिसके आधार पर शासन ने इस साल 16 जनवरी को हरिमोहन नेगी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। नेगी ने सात फरवरी को अपना जवाब भेजा, जिसके बाद 31 मार्च को शासन द्वारा शहरी विकास निदेशक को मामले की विस्तृत जांच के निर्देश दिए गए। 16 जुलाई को निदेशालय ने शासन को विस्तृत जांच रिपोर्ट उपलब्ध करा दी।
बुधवार को अपर सचिव नवनीत पांडे ने उत्तरकाशी जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट, हरिमोहन नेगी के जवाब और शहरी विकास निदेशालय की विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर अध्यक्ष को बर्खास्त कर दिया है। इसके साथ ही पुरोला नगर पंचायत अध्यक्ष पद को रिक्त घोषित करते हुए प्रशासक बैठा दिया गया है। उधर, हरिमोहन नेगी का कहना है कि अगर शासन ने नगरपंचायत अध्यक्ष पद को रिक्त करने की घोषणा की है तो तत्काल अधिसूचना जारी कर चुनाव की घोषणा कर देनी चाहिए। हम इस आदेश के खिलाफ जनता की अदालत में जाएंगे। जनता स्वयं फैसला लेगी।