हमारा देश एक रूढ़िवादी देश है तथा इसको अभी तक पुरुष प्रधान देश माना जाता रहा है जहां पर की स्त्रियों को होने वाले मासिक धर्म को भी हेय दृष्टि से देखा जाता था। परंतु जैसे-जैसे समाज आगे बढ़ रहा है वैसे-वैसे मान्यताएं भी बदल रही है इसी के चलते उत्तराखंड के काशीपुर में रहने वाले भट्ट परिवार ने एक अनोखी मिसाल पेश की है। जिसकी चारों तरफ चर्चा हो रही है और जमकर तारीफ की जा रही है। देश में आमतौर पर मासिक धर्म के ऊपर कोई चर्चा नहीं होती ना ही कोई बात करने को आगे आता है। इसको लेकर बहुत सारे भ्रम भी लोगों के मन में होते हैं। पीरियड्स को लेकर ऐसा प्रचलन है की पीरियड के दौरान महिलाओं को धार्मिक स्थलों में प्रवेश पर अनुमति नहीं मिलती है। इन सब मान्यताओं को धत्ता बताते हुए काशीपुर के रहने वाले जितेंद्र भट्ट और उनकी पत्नी ने जब उनकी बेटी को पहली बार पिरीयड हुए तो उन्होंने इसको अपवित्र ना मानते हुए केक काटकर इसका जश्न मनाया कि उनकी बेटी युवावस्था में प्रवेश कर रही है। भट्ट दंपति ने अपनी बेटी को अपने साथ बैठा कर उसको इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी। भट्ट दंपति इस अनूठी मिसाल के लिए बधाई के पात्र हैं।