उत्कृष्ट कार्य करने वालों को समय-समय पर सरकार की तरफ से अलंकृत किया जाता रहा है, इसी कड़ी में एक नाम और जुड़ गया है। कर्मठ उपनिरीक्षक भगवान सिंह महर जो वर्तमान में चोरगलिया थाना के प्रभारी हैं, को भारत सरकार ने ऑनर किलिंग करने वालों को मृत्युदंड दिलाने के लिए मेडल फॉर एक्सीलेंसी अवार्ड से नवाजा है।
गौरतलब है कि 18 मई 2018 को हरिद्वार के खानपुर में स्वजनों को विरुद्ध जाकर शादी करने के पर दो सगे भाईयों कुलदीप, अरूण और ममेरे भाई राहुल ने अपनी बहन प्रीति की मामा के घर ग्राम अवधिपुर जाकर कुल्हाड़ी व फावड़े से काटकर नृशंस हत्या कर दी थी। जिस सम्बन्ध में मृतका के पति बृजमोहन की तहरीर पर थाना खानपुर में अभियोग पंजीकृत कराया गया, जिसकी विवेचना तत्कालीन समय में थानाध्यक्ष खानपुर के पद पर तैनात उपनिरीक्षक भगवान सिंह महर द्वारा की गयी थी। उपनिरीक्षक भगवान सिंह महर द्वारा त्वरित गति से विवेचना करते हुए अभियुक्तों के विरूद्ध 13 अगस्त 2018 को आरोप पत्र न्यायालय में प्रषित कर दिया गया।
उपनिरीक्षक भगवान सिंह महर ने कड़ी मेहनत करके इकठ्ठे किये गये साक्ष्यों, समय पर प्रस्तुत किये गये गवाहों, वैज्ञानिक साक्ष्य एवं ठोस पैरवी के अधार पर अपर सत्र न्यायाधीश लक्सर, हरिद्वार द्वारा आरोपी कुलदीप, अरूण व राहुल को धारा 302 भादवि के Rarest of Rare श्रेणी के अपराध के लिए मृत्युदंड एवं अर्थदंड से दंडित किया गया था।
गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने उपनिरीक्षक भगवान सिंह महर को उत्कृष्ट विवेचना किये जाने तथा अन्वेषण में उत्कृष्टता हेतु वर्ष 2023 के लिए “केन्द्रीय गृहमंत्री पदक” सम्मानित किये जाने की घोषणा की है। डीजीपी अशोक कुमार ने उपनिरीक्षक भगवान सिंह महर को उनकी शानदार उपलब्धि के लिए उनको बधाई दी है।