उत्तराखंड प्रदेश खासकर राजधानी देहरादून में परिस्थितियों को देखकर ऐसा नहीं लग रहा है कि डेंगू का डंक कुछ धीमा हो रहा है। पहाड़ से लेकर मैदान तक डेंगू फैलाने वाले मच्छरों की सक्रियता तेज से बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। ऐसा कोई दिन नहीं जब डेंगू के नये मामले सामने ना आ रहे हो। डेंगू से हो रही मौत के मामले भी निरंतर चिंता का विषय बने हुए हैं।शनिवार को ही प्रदेश में डेंगू के 62 नए मामले सामने आए हैं,और एक मरीज की मौत हुई है।
स्वास्थ्य विभाग की माने तो देहरादून शहर में सबसे अधिक 29 लोगों को डेंगू हुआ है इसके अलावा हरिद्वार में 26, उधम सिंह नगर में पांच, नैनीताल और रुद्रप्रयाग में एक-एक व्यक्ति में डेंगू की पुष्टि पाई गई है। प्रदेश में अभी तक डेंगू के कुल 1106 मामले सामने आ चुके हैं, इनमें सबसे अधिक मामले 640 देहरादून जिले में है। जबकि हरिद्वार में 191, नैनीताल में 136,पौडी में 99, ऊधमसिंह नगर में 23 रुद्रप्रयाग में 4 मामले सामने आए हैं। हालांकि 858 मरीज स्वस्थ भी हो चुके हैं 13 काल के गाल में समा चुके हैं। कुल मिलाकर यूं कहें कि डेंगू लगातार अपने पांव पसारता जा रहा है, जबकि जिम्मेदार महकमें लगातार दावा कर रहे हैं कि डेंगू से बचाव व रोकथाम के लिए हर स्तर पर प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।विभागीय टीम में घर-घर जाकर लोगों को जागरुक कर रही है साथ ही अपील भी कर रही है कि वह अपने घरों के आसपास के क्षेत्र में खाली बर्तन या नाली वगैरह में पानी जमा ना होने दें। सरकारी व निजी हॉस्पिटलों में डेंगू के मरीजों के पुख्ता अंजाम की व्यवसाय करने का दावा किया जा रहा है।
लेकिन सामने देखने पर यह आ रहा है कि सरकारी और निजी अस्पताल के सभी बेड फुल हैं। नए मरीजों को बेड मिलने में बहुत परेशानी हो रही है। यहां तक की ब्लड बैंक में खून व प्लेटलेट्स की कमी भी दिखाई दे है।