ऊं की इस आकृति को स्थापित करने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सफल ट्रायल कर लिया है। जरूरी कार्य पूरा करते ही इसे स्थायी रूप से स्थापित कर दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत केदारनाथ को सुरक्षित करने के साथ ही धाम को भव्य रूप से संवारा जा रहा है। इन दिनों धाम में दूसरे चरण के कार्य जोरों पर चल रहे हैं। पहले चरण में मंदिर परिसर के विस्तार के साथ ही मंदिर मार्ग और गोल प्लाजा का निर्माण किया गया था।
अब, इस गोल प्लाजा, जो मंदिर से लगभग ढाई सौ मीटर पहले संगम के ठीक ऊपर स्थित है, पर ऊं की आकृति जो 60 क्विंटल वजनी कांसे से गुजरात के बड़ौदा में निर्मित की गई है,को स्थापित किया जा रहा है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, लोनिवि ने हाइड्रा मशीन की मदद से ऊं आकृति को गोल प्लाजा में स्थापित करने के लिए ट्रायल किया, जो पूरी तरह से सफल रहा। कार्यदायी संस्था के अधिशासी अभियंता विनय झिक्वांण ने बताया कि ऊं की आकृति को पूरी तरह से सुरक्षित करने के लिए इसके चारों तरफ से तांबे से वेल्डिंग की जाएगी। साथ ही मध्य हिस्से के साथ ही किनारों को भी सुरक्षित किया जाएगा, जिससे बर्फबारी से इसे नुकसान न हो। एक सप्ताह में ऊं आकृति को स्थायी रूप से स्थापित कर दिया जाएगा।
जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग मयूर दीक्षित ने कहा कि
केदारनाथ गोल प्लाजा में ऊं की आकृति स्थापित होने से वहां की भव्यता और भी बढ़ जाएगी। डीडीएमए द्वारा ऊं आकृति को स्थापित करने के लिए जरूरी कार्रवाई पूरी की जा रही हैं।