उत्तराखंड के प्रवासियों को लेकर मुख्यमंत्री ने बयान देते हुए कहा कि वह देवभूमि के ब्रांड एंबेसडर हैं और सभी इस देवभूमि की संस्कृति और परंपराओं के प्रचार प्रसार में अपना अहम योगदान देते रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इंदौर, मध्य प्रदेश में प्रवासी उत्तराखंडी समाज द्वारा आयोजित जनसभा में प्रतिभाग करते हुए कहा कि उत्तराखंड सांस्कृतिक संस्था की और से आयोजित इस एकत्रीकरण कार्यक्रम में आकर वे गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सांस्कृतिक संस्था द्वारा समाज सेवा के क्षेत्र में अनेक सराहनीय कार्य किए जा रहे हैं। फिर वो चाहे बालिकाओं के विवाह, वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान, मेरिट लाने वाले मेधावी छात्र- छात्राओं को सम्मानित करना हो, सभी क्षेत्रों में उत्तराखंड सांस्कृतिक संस्था द्वारा अनेकों कार्य किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भारत के अलग-अलग प्रांतों के लोग मिलते हैं तो एक भारत श्रेष्ठ भारत का अहसास होता है। जब उत्तराखंड के लोग मिलते हैं, तो “श्रेष्ठ उत्तराखंड” का अहसास होता है। उन्होंने कहा कि हमारे सभी प्रवासी उत्तराखंडी देवभूमि के ब्रांड एम्बेसडर हैं। सभी देवभूमि की संस्कृति और परंपराओं का प्रचार, प्रसार करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर गांव को हाईवे से जोड़ने की राज्य सरकार की योजना है, तो वहीं पहाड़ों में रेल पहुंचाने का स्वप्न ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के माध्यम से शीघ्र ही साकार होने जा रहा है। प्रदेश में रोपवे निर्माण के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व प्रगति की है। गौरीकुण्ड – केदारनाथ और गोविंदघाट–हेमकुण्ट साहिब रोपवे का निर्माण कार्य गतिमान है। राज्य में भर्ती परीक्षाओं में पूर्ण पारदर्शिता लाने के लिए सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद सभी सभी परीक्षाएं पारदर्शी तरीके से संपन्न हुई हैं। इक्कीसवीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक बनाने के लिए सरकार प्रयासरत हैं। इस मौके पर यशवंत सिंह बिष्ट, देवेन्द्र सिंह रावत, देवी दत्त त्रिपाठी, श्रीमती सीमा डंगवाल, श्रीमती गीता नेगी, रघुवीर सिंह रावत व अन्य प्रवासी उत्तराखण्डी उपस्थित थे।