मसूरीवासियों को उत्तराखंड सरकार ने बहुत बड़ी सौगात से नवाजा है। बहुप्रतीक्षित पीने की पानी की योजना कल सफल हो पाई है। बरसों से मसूरी वासी पीने के पानी को लेकर परेशान रहते थे खासकर सीजन के टाइम पर तो उनकी दिक्कतें और बढ़ जाती थी। उसी को मद्देनजर रखते हुए उत्तराखंड पेयजल निगम ने प्रदेश की सबसे लंबी पेयजल योजना पर कार्य करना शुरू कर दिया और जिस में सफलता भी मिल गई है।
उत्तराखंड की सबसे लंबी पेयजल योजना से यमुना से मसूरी पानी पहुंचाने की प्रक्रिया के पहले चरण में यमुना स्थित कुएं से मुख्य पंपिंग स्टेशन तक पहले पानी पहुंचाया गया। उसके बाद आगे के दो पंपिंग स्टेशन (आईपीएस-1 व आईपीएस-2) का ट्रायल सफल रहा। सबसे आखिर में 13 / 14 मई की रात एक बजे मसूरी के राधा भवन तक पानी पहुंच गया।
144 करोड़ रुपए की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत 18 किलोमीटर लंबी पेयजल लाइनों से 1.2 किमी ऊंचाई तक पानी पहुंचाया जा रहा है। योजना में चीफ इंजीनियर कुमाऊं सुजीत विकास, एसई के बंसल, एसई प्रवीन राय, ईई संदीप कश्यप, जेएस कठैत, रावत की टीम ने इस परियोजना को परवान चढ़ाने में खास योगदान दिया।
पूर्व में जब भी पेयजल निगम ने लंबी दूरी की पेयजल योजनाएं बनाई हैं, वह ट्रायल स्तर पर ही सिरदर्द बन जाती थी। उनका पाइप फटने से लेकर पंपिंग सेट न चलने तक जैसी समस्याएं आम बात थी। यमुना से मसूरी पेयजल की ऐसी योजना है, जिसका हर ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा हुआ है। 18 किलोमीटर लंबी पेयजल लाइन में ट्रायल के दौरान कहीं भी दिक्कत नहीं आई।
मई के आखिर से मिलेगा पानी। पेयजल निगम के एमडी उदयराज सिंह ने बताया कि अभी कुछ दिन इसका ट्रायल चलेगा क्योंकि पेयजल लाइन के भीतर की पूरी गंदगी इससे दूर हो जाएगी। सिस्टम पूरा विकसित हो जाएगा। इसके बाद मई के आखिर से मसूरीवासियों को शुद्ध पेयजल मिलना शुरू हो जाएगा। परियोजना में अहम योगदान देने वाले कुमाऊं के प्रभारी चीफ इंजीनियर सुजीत विकास ने बताया कि परियोजना मील का पत्थर साबित होगी।
बहुप्रतीक्षित पेयजल योजना को लेकर महकमा कितना गंभीर रहा, इसका अंदाजा सचिव पेयजल और मुख्य सचिव की सक्रियता से लगाया जा सकता है। सचिव पेयजल नितेश झा इस परियोजना की हर सप्ताह समीक्षा कर रहे थे तो मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू भी हर 15 दिन में इसकी प्रगति रिपोर्ट ले रहे थे। पहले इस परियोजना से 10 मई को पानी पहुंचाने की तैयारी थी, लेकिन बीच में कई दिन मौसम खराब होने की वजह से काम में थोड़ी बाधा हुई।
यमुना से मसूरी तक पानी का ट्रायल सफल होने की सूचना जैसे ही मसूरीवासियों को मिली तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा। लोग बड़ी संख्या में एकत्र हुए। पटाखे फोड़कर और मिठाइयां बांटकर खुशी का इजहार किया। लोगों का कहना था कि अब गर्मियों में उन्हें टैंक के भरोसे नहीं रहना पड़ेगा। उनके घर तक पर्याप्त मात्रा में पानी पहुंचेगा।
मसूरीवासियों ने इस सफलता पर पेयजल निगम की पूरी टीम को बधाई दी और कहा कि मसूरीवासियों के लिए यह योजना एक सौगात है। पेयजल निगम के सचिव नितेश झा ने कहा कि इसी महीने हम परियोजना से घर- घर तक पानी पहुंचाना शुरू कर देंगे।