माना कि डीजल युग में लोगों को आराम मिल रहा है पर इसके साथ साथ कुछ नुकसान भी हो रहे हैं। इस डिजिटल दौर में जहां साइबर क्राइम से बच पाना एक आम आदमी के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य है वही ऑनलाइन जुआ, सट्टेबाजी देश की युवा पीढ़ी को बर्बाद कर रहा है।
जिस प्रकार सन 1980 और 90 के दौर में लाखों लोग लॉटरी के चक्कर में बर्बादी की कगार पर पहुंच गए थे बर्बाद हो गए थे।वही काम इस ऑनलाइन गेम के जरिए दोबारा शुरू हो रहा है। ऑनलाइन गेमिंग समाज के लिए अभिशाप बनता जा रहा है। आपने ऑनलाइन गेमिंग में dream11 के नाम से भी एक गेम देखा होगा जिसमें आपने अड़ोस पड़ोस के लोगों को जीतते भी देखा हुआ और ज्यादा लोगों को हारते हुए भी देखा होगा। इन ऑनलाइन गेमिंग में एक बार में लोग कई करोड़ों रुपए लगाते हैं क्योंकि सरकार को भी जीएसटी के रूप में इन गेमों से अच्छी खासी मोटी कमाई हो रही है, तो वह भी इसके दुष्प्रभाव को जानते हुए अनदेखा कर रही है।
पहले सट्टा खिलाना और सट्टा खेलना दोनों ही अपराध माने जाते थे और इनको खेलने खेलने वालों को हिकारत की दृष्टि से देखा जाता था। परंतु इस डिजिटल जमाने में जो परोक्ष रूप से सट्टा चल रहा है इसको धंधे का रूप दे दिया गया है जिसमें कई लोग बर्बाद हो रहे हैं।
हर मैच में परोक्ष तौर पर अरबों रुपए का हर रोज सट्टा चल रहा था इसका मुनाफा अकेले सटोरिए ही डकार रहे थे। आपके फोन पर रोज छोटे इन्वेस्टमेंट करके लाखों की कमाई करने वाले ऐप और एडवरटाइजमेंट देखे होंगे जो आप लोगों को खासकर युवाओं को मोटी कमाई करने के चक्कर में अपनी और आकर्षित करते हैं। सबसे मजेदार बात यह है कि इन विज्ञापनों के अंत में भी सिगरेट कंपनियों के विज्ञापनों की तरह सिगरेट पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, लिखा होता है वैसा ही इनके विज्ञापनों में भी लिखा होता है कि इस खेल में वित्तीय जोखिम भी शामिल है इसे अपनी जिम्मेवारी पर ही खेले। चौंकाने वाली बात यह है कि हमारे देश में इस समय 900 गेमिंग कंपनियां काम कर रही है तथा ऑनलाइन गेमिंग का दायरा 30% बढ़ गया है।मतलब देश के 50 करोड़ लोग इस ऑनलाइन गेमिंग के झांसे में फंसे चुके हैं।देश के एक तिहाई लोग इस गेमिंग के चक्कर में उलझे हुए हैं इससे भी चौंकाने वाली बात यह है कि 12 करोड़ से अधिक लोग अपने खून पसीने की कमाई इस गेम में गवा चुके है या गवां रहे हैं। बिना कुछ किए रातों-रात अमीर बनने की चाह ने युवा पीढ़ी को इस दलदल में फंसा दिया है। बहुत सारे विज्ञापन तो ऐसे भी आते हैं जो यह कहते हैं कि हमने आपके खाते में इतने पैसे डाल दिए हैं जिसके लुभावने जाल में फंसकर युवा उनके जाल में उलझ जाते हैं। क्योंकि इन पैसों से आप सिर्फ लूडो रमी या अन्य तरह के गेम खेल सकते हैं इनको निकाल नहीं सकते हैं। यह एक ऐसा जाल है जो युवाओं के मन मस्तिष्क के में बैठ जाते हैं कि बिना कुछ मेहनत किए सिर्फ गेम खेलकर भी लाखों करोड़ों रुपए भी कमाए जा सकते हैं। इसका पता तब चलता है जब गेम में मगन इंसान का खाता कुछ दिनों में खाली हो जाता है। युवा पीढ़ी के भविष्य से खिलवाड़ करने वाली विभिन्न ऑनलाइन कंपनियों पर सरकार अपना शिकंजा कसने जा रही है। आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर का कहना है कि ऐसी सभी गेमिंग कंपनियों को बंद किया जाएगा। जो इस प्रकार सट्टेबाजी करके युवाओं और उपभोक्ताओं का भविष्य बर्बाद कर रही हैं। परंतु यह अभी सिर्फ घोषणाएं बाजी ही है।सरकार का देशवासियों पर बड़ा एहसान होगा कि वह लोगों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाली इन कंपनियों को जल्द से जल्द बंद कर दे। जिससे युवा पीढ़ी इन ऑनलाइन कंपनियों के जाल में फंस कर रोजाना घंटों घंटों बैठकर अपना समय और पैसा दोनों बर्बाद करते हैं वह समय को किसी अच्छे काम में और देश के भविष्य के और अपने भविष्य के लिए लगाएं।