माध्यमिक अतिथि शिक्षको को अल्प वेतन में कार्य करते हुए 9 साल से अधिक का समय हो गया है। लेकिन अभी तक राज्य सरकार की ओर से अतिथि शिक्षकों को वेतन वृद्धि और भविष्य सुरक्षित करने के लिए कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ। जिससे अतिथि शिक्षकों में भारी आक्रोश है। प्रदेश में 5000 से अधिक अतिथि शिक्षक दुर्गम विद्यालयों में अपनी सेवाएं दे रही हैं।
संघ के कार्यकारी अध्यक्ष आशीष जोशी ने कहा कि 9 साल बाद भी अतिथि शिक्षकों को राहत देने के लिए कोई शासनादेश अभी तक नहीं निकला। बल्कि अतिथि शिक्षकों को शोषण करने वाले आदेश जरूर निकाले जा रहे। एक साल से वेतन वृद्धि और अतिथि शिक्षकों के हित सुरक्षित करने का आश्वासन दिया जा रहा किन्तु धरातल पर कार्यवाही शून्य है। जो भी प्रस्ताव शासन को निदेशालय से भेजे जा रहे उन पर शासनादेश निकालने की बजाय उनको लंबित किया जा रहा है। संघ के कार्यकारी अध्यक्ष आशीष जोशी और जनपद रुद्रप्रयाग जिलाध्यक्ष डॉ॰ प्रवीन जोशी ने कहा कि यदि 9 नवम्बर राज्य स्थापना दिवस से पहले अतिथि शिक्षकों की मांगों पर सकारात्मक कार्यवाई नहीं होती तो रुद्रप्रयाग के अतिथि शिक्षकों सहित प्रदेश के समस्त अतिथि शिक्षक केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में धरने पर बैठने के लिये मजबूर होंगे जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन की होगी।