पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश हिंसा की आग में सुलग रहा है। इस बीच आरक्षण विरोधी आंदोलन के हिंसक होने के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सोमवार, 5 अगस्त को इस्तीफा दे दिया। सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने ढाका में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अब सेना अंतरिम सरकार बनाएगी। उधर, ढाका में हालात बेकाबू हैं। सेना प्रमुख ने लोगों से शांति बहाल की अपील की है। कहा कि हम हालात काबू ले आएंगे। भरोसा रखें।करीब 4 लाख लोग सड़कों पर हैं। राजधानी में जगह-जगह हिंसा और तोड़फोड़ हो रही है। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पीएम आवास छोड़ दिया है। न्यूज एजेंसी AFP ने सूत्रों के हवाले बताया है कि प्रधानमंत्री ने ढाका छोड़कर किसी सुरक्षित जगह शिफ्ट हो गई हैं। उनके साथ उनकी बहन रेहाना भी हैं। वहीं, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि हसीना मिलिट्री हेलिकॉप्टर से भारत पहुंच गई हैं। उनके पश्चिम बंगाल में होने की खबर है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।
बांग्लादेशी अखबार प्रोथोम अलो की मुताबिक, कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें हुई हैं। इसमें 6 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। प्रदर्शनकारियों ने तंगेल और ढाका में अहम हाइवे पर कब्जा कर लिया है।
शेख हसीना ने प्रदर्शनकारियों को लेकर क्या कहा?
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने प्रदर्शनकारी छात्रों को आतंकवादी करार दिया है। उन्होंने चार जुलाई को नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक में प्रदर्शनकारियों से सख्ती से निपटने के आदेश दिए थे। इस बैठक के बाद प्रधानमंत्री के प्रेस विंग की तरफ से बयान जारी कर सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान आतंकी हमले की आशंका जाहिर की गई थी। इन प्रोटेस्ट पर शेख हसीना सरकार ने बयान जारी कर कहा कि देश में अलग-अलग जगह आतंकी हमले हो रहे हैं। हमलावरों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। इसके मद्देनजर देशभर में सोमवार से तीन दिन के सार्वजनिक अवकाश का ऐलान किया गया।