पिथौरागढ़ के धारचूला में एक रेस्टोरेंट चलाने वाली महिला को अपने ही बैंक में नौकरी दिलाने का झांसा देकर एक बैंक कर्मी ने यौन शोषण किया और किसी बहाने से डेढ़ लाख रुपए भी ले लिए।
हालात यह है कि कई बार धारचूला कोतवाली जाने तथा दो बार एसपी के से शिकायत दर्ज करने के बावजूद अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। यौन उत्पीड़न का आरोपित बैंक कर्मी का भाई राजनीतिक पार्टी से जुड़े संगठन का दायित्व धारी बताया जा रहा है। इसके राजनीतिक रसूख के चलते अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं हो पाया।
अब महिला को उल्टा डराया जा रहा है कि अगर मुकदमा दर्ज हुआ तो दोनों पक्षों पर हो सकता है।
बड़ा सवाल यह है कि जब कॉल गर्ल रैकेट में फंसी महिलाओं को मुक्त करते हुए उन महिलाओं को भी पुलिस द्वारा पीड़िता के तौर पर चिन्हित किया जाता है, तो फिर भला इस महिला पर किस तरह से मुकदमा दर्ज हो सकता है?
हद तो तब हो गयी ,जब महिला अपने पति के साथ पुलिस थाने पहुंची लेकिन पुलिस ने उल्टा महिला को ही डरा धमकाकर वापस भेज दिया।
महिला का पति वाहन चालक है। महिला के पति ने बताया कि वह अक्सर बाहर रहता है, इसी का फायदा उठाकर रेस्टोरेंट में आते-जाते समय बैंक कर्मी ने महिला से नजदीकी बनाई और उसको प्रलोभन देकर यौन शोषण किया।
महिला अपने पति के साथ एसपी से मिली तब भी इस मामले में अभी तक मुकदमा दर्ज करने की कार्यवाही नही हो पाई।
गौरतलब है कि बकौल महिला आरोपित बैंक कर्मी ने अपने भाई के भाजपा से जुड़े एक बड़े राजनीतिक संगठन में अहम पद पर होने का हवाला देते हुए रसूख दिखाया और कहा कि वह महिला को अपने ही बैंक में नौकरी दिलाएगा।
कुछ दिन पहले भी महिला और उसके पति ने एसपी को शिकायती पत्र दिया था। इस पर धारचूला कोतवाली को कार्यवाही के निर्देश दिए गए थे लेकिन जब वह कोतवाली जाने लगे तो रास्ते में बैंक कर्मी के भाई ने और कुछ अन्य लोगों ने उन दोनों को डाक बंगले पर बुलाया और राजीनामा करने का दबाव डाला।
पिथौरागढ़ में अब बैंक कर्मी के भाई के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की जाने लगी है।
गौरतलब है कि इस मामले में पीड़िता का कहना है कि इससे पहले भी उसे बच्चों सहित डराया धमकाया गया और जान से मारने की धमकी दी गई और उसे कहा गया कि पुलिस को मैनेज कर लिया है। राजनीतिक पहुंच के चलते उसका कुछ नहीं बिगड़ेगा ।
इसके साथ ही अपनी पहुंच का सहारा लेकर आरोपित ने अपना ट्रांसफर दूसरी जगह कर लिया है।
देखने वाली बात या होगी कि लंबे समय बाद भी मुकदमा दर्ज नही हो पाया है तो अब आगे क्या कार्रवाई होती है !
हालांकि पुलिस की ओर से मुकदमे के संबंध में कार्यवाही गतिमान होने की बात कही जा रही है।
दूसरा अहम सवाल यह भी है कि क्या महिला को डराने धमकाने वाले तथा मुकदमा वापस लेने का दबाव डालने वाले यौन उत्पीड़न के आरोपित बैंक कर्मी के भाई के खिलाफ भी पुलिस कोई कार्यवाही करने का साहस कर पाएगी या नहीं !