देहरादून। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात करते हुए राज्य निर्वाचन आयुक्त को बर्खास्त किए जाने की मांग की। कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल के समक्ष प्रदेश की कानून व्यवस्था का मुद्दा भी उठाया है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कांग्रेस जनों ने राज्यपाल से मुलाकात करते हुए प्रदेश में हाल ही में संपन्न हुये त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में हुई धांधलियों का मुद्दा भी उठाया है। उन्होंने कहा सरकारी संरक्षण में सत्ताधारी दल की ओर से की गई गुंडागर्दी गोलाबारी और अपराहन की घटना को अंजाम दिया गया। करन माहरा ने कहा जिस तरह नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और विधायकों के खिलाफ एफआईआर करने और राज्य के अधिकारियों द्वारा असवैधानिक कार्य करने के मामलों पर विस्तार से राज्यपाल को जानकारी दी गई।
उन्होंने कहा प्रदेश में भाजपा सरकार ने जंगल राज कायम किया हुआ है। जानबूझकर पंचायत चुनाव समय पर नहीं करवा कर 7 महीनों की देरी की गई। जिससे उनके वह लोग जो निकाय चुनावों में मतदाता थे वह ग्रामीण क्षेत्रों में भी चुनावों में प्रतिभाग कर सकें। उन्होंने कहा सरकार ने जिला पंचायत सदस्य और क्षेत्र पंचायत सदस्य के आरक्षण में नियमों की धज्जियां उड़ाई।
उन्होंने नैनीताल, बेतालघाट व रुद्रप्रयाग का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रशासनिक तंत्र इन घटनाओं में मूकदर्शक बना रहा। अपराधी खुलेआम जिला पंचायत सदस्यों का अपहरण करते रहे। इधर बेतालघाट में दिन दहाड़े गोलियां चलाई गई। कांग्रेस जनों ने राज्यपाल के समक्ष प्रदेश की कानून व्यवस्था का मामला भी उठाया।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा शुरू से और चुनाव संपन्न होने तक राज्य निर्वाचन आयोग सरकार की कठपुतली बना रहा। आयोग संवैधानिक संस्था है। उसकी निष्पक्षता के साथ अपनी भूमिका ईमानदारी से निभानी चाहिए थी। उसने ठीक इसके विपरीत पंचायती राज कानून की धज्जियां उड़ाई। कांग्रेस जनों के मुताबिक राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया है कि वह उनके द्वारा उठाए गए सभी बिंदुओं पर गंभीरता से विचार करते हुए सरकार को उचित संदेश देंगे।