हल्द्वानी। दीपावली और भाई दूज के त्योहारों के बाद हल्द्वानी और रामनगर में डेंगू का खतरा कई गुना बढ़ गया है। बाहरी राज्यों से आई भारी भीड़ और सफाई के प्रति बरती गई ढिलाई के कारण संक्रमण के मामलों में तेज़ी आई है। इसका सबसे बड़ा असर रामनगर में दिखा है, जहाँ एक दरोगा समेत कई पुलिसकर्मी डेंगू की चपेट में आ गए हैं। एसटीएच (सोबन सिंह जीना सरकारी अस्पताल) में अब तक कुल 25 संक्रमित मरीज सामने आ चुके हैं, जिनमें एक महिला डॉक्टर भी शामिल है।
अगले 20 दिन सबसे जोखिम भरे, बाहरी राज्यों से लौटे लोग वजह
डेंगू के नोडल अधिकारी डॉ. परमजीत सिंह ने बताया कि अधिकांश नए केस उन लोगों से जुड़े हैं जो त्योहारों के दौरान बाहरी राज्यों से लौटे हैं। उदाहरण के लिए, एसटीएच से डिस्चार्ज हुई एक महिला डॉक्टर फरीदाबाद से पीजी कर रही थीं और हॉस्टल में संक्रमित साथियों से उन्हें यह खतरा पहुंचा। चिकित्सकों ने आशंका जताई है कि त्योहारों के दौरान बड़े पैमाने पर हुई आवाजाही से डेंगू की ट्रांसमिशन चेन एक्टिव हो गई है। चिकित्सकों ने अगले 15-20 दिन संक्रमण के लिहाज से सबसे जोखिम भरे बताए हैं। इस समय 20 से 45 वर्ष आयु वर्ग के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
ट्रांसमिशन चेन और मच्छर का उड़ान दायरा
डॉक्टरों के अनुसार, संक्रमित मादा एडीज़ मच्छर 200-300 मीटर तक के दायरे में वायरस फैला सकती है और यह 15 से 30 दिन तक संक्रमण बांटती रहती है। डेंगू की ट्रांसमिशन चेन को पूरी तरह सक्रिय होने में औसतन 12 से 15 दिन लगते हैं। बेस अस्पताल के पीएमएस डॉ. केएस दत्ताल ने भी पुष्टि की कि पर्यटक, कारोबारी और रिश्तेदार संक्रमण को यहाँ तक लेकर आए हैं। इस सीजन में कुल 15 मरीजों की एलाइजा टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जो संक्रमण की गंभीरता को दर्शाती है।
स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर, जारी की एडवाइजरी
बढ़ते मामलों के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा है। निजी अस्पतालों से भी दैनिक रिपोर्टिंग मांगी गई है। रामनगर कोतवाल सुशील कुमार ने बताया कि संक्रमित पुलिसकर्मियों की सटीक संख्या जुटाई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने जनता के लिए एक सख्त एडवाइजरी लागू की है: घर, कार्यालय, कूलर और गमलों में किसी भी कीमत पर पानी जमा न होने दें। पानी जमा होना ही एडीज मच्छर के पनपने की मुख्य वजह है।











