देहरादून। केदारनाथ उपचुनाव को लेकर घमासान चल रहा है। भाजपा-कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। भाजपा से पूर्व विधायक आशा नौटियाल को टिकट मिला है, तो कांग्रेस ने भी पूर्व विधायक एवं तहलका के पत्रकार मनोज रावत पर दांव खेला है।
अब ऐसे में चुनाव बना है भाजपा बनाम कांग्रेस, कुलदीप सिंह रावत निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। जहां तक अनुमान लगाया जा रहा है भाजपा अगर उन्हें झुनझुना ना पकड़ाए तो..
पार्टी हरक सिंह रावत को टिकट न देने को लेकर खुलकर नहीं बोल पा रही हैं।
लंबी रामायण लगाने वाले हरक सिंह रावत की जुबान पर चुप्पी लगी है।
अपनी बेबाकी के लिए जाने जाने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री आज हसीए पर खड़े हैं।
अब पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रुद्रप्रयाग लक्ष्मी राणा एवं पूर्व विधायक रुद्रप्रयाग हरक सिंह रावत अपनी प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं। यह ईडी का दबाव है या पार्टी का!
बहरहाल सरकार बदलने वाले हरक सिंह आज खुद हासिए पर खड़े हैं। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा पर प्रवर्तन निदेशालय नजर बनाए रखे है। हालांकि उनकी तुतलाती जुबान अब सुनाई नहीं दे रही है।
मामला उप चुनाव को देखते हुए संवेदनशील है, केदारनाथ उप चुनाव में भविष्य में ना तो हरक सिंह आपको प्रचार में देखते हुए मिलेंगे ना ही पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा।