बागेश्वर जिले के कपकोट की ममता कार्की ने यह साबित कर दिया है कि पढ़ाई और शिक्षा की कोई उम्र नहीं होती। 42 साल की उम्र में उन्होंने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (UKPSC) की परीक्षा पास कर ली है, जो उनके लिए आखिरी मौका भी था।ममता ने दस साल तक घर-परिवार की जिम्मेदारी निभाने के बाद, जब उनके बच्चे बड़े हो गए, तो उन्होंने एक बार फिर अपने राज्य की सेवा करने का संकल्प लिया। उन्होंने कड़ी मेहनत की और UKPSC की परीक्षा में सफलता हासिल की।
ममता की यह उपलब्धि न केवल उनके लिए गर्व की बात है, बल्कि यह उन सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए उम्र को एक बाधा मानते हैं। ममता ने साबित कर दिया है कि अगर आपके पास दृढ़ संकल्प और मेहनत है, तो आप किसी भी उम्र में अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।