केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के बजाय अब धाकड़ धामी ने संभाला मोर्चा
अपनी स्थापना वर्ष 2013 से लेकर लगातार एम्स ऋषिकेश घोटाले को लेकर सुर्खियों में रहा है। तब चाहे पूर्व निदेशक डॉ. रविकांत हों या अन्य कोई, संस्थान हमेशा से घोटाले के आरोपों से घिरा हुआ रहा है। अब ऐसा कहा जा रहा है कि
वर्तमान में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर पुलिस ने ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के कर्मचारी सिद्धांत शर्मा के खिलाफ एक व्यक्ति को नौकरी दिलाने का झांसा देकर साढ़े पांच लाख रुपये से अधिक की ठगी करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
यहां बता दें कि ऋषिकेश कोतवाली के वरिष्ठ उपनिरीक्षक भगत सिंह रावत ने बताया कि यह मुकदमा इस सप्ताह ऋषिकेश निवासी सागर चौधरी की शिकायत पर दर्ज किया गया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि ऋषिकेश स्थित एम्स में कनिष्ठ प्रशासनिक सहायक के पद पर कार्यरत सिद्धांत शर्मा ने उनसे इस संस्थान में नौकरी दिलाने का वादा किया और इसके एवज में 5.59 लाख हजार रुपये भी लिये।
नौकरी दिलाने के नाम पर की ठगी
शिकायत के अनुसार, चौधरी ‘इंट्राम्यूरल रिसर्च प्रोजेक्ट’ की जानकारी लेने एम्स गए थे, जहां उनकी शर्मा से मुलाकात हुई। इसमें कहा गया कि बातचीत के दौरान सिद्धांत शर्मा ने उन्हें नौकरी दिलाने की बात कही और धनराशि ले ली। बाद में आरोपी ने दो लाख रुपये चौधरी को वापस भी कर दिए, लेकिन नौकरी नहीं मिली।
काफी समय बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर चौधरी ने एम्स के अधिकारियों से लेकर पुलिस तक शिकायत की, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री धामी से न्याय की गुहार लगाई।
बल मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने सिद्धांत शर्मा के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की
ऋषिकेश स्थित एम्स के जनसंपर्क अधिकारी संदीप कुमार ने कहा, ‘‘सिद्धांत शर्मा पर ठगी के आरोप पहले भी लगे हैं। सभी आरोपों की जांच पूरी कर रिपोर्ट सक्षम प्राधिकारी को दे दी गई है और मामले में पीठासीन अधिकारी भी नियुक्त किया जा चुका है।’’
संदीप कुमार के अनुसार, शर्मा के विरुद्ध कार्रवाई अंतिम चरण में है और उनकी सेवाएं समाप्त भी की जा सकती हैं।
अब ऐसे में बड़ा प्रश्न उठता है कि तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार के मुख्यमंत्री रहने के बदौलत मुख्यमंत्री ने कहा था कि यह केंद्र सरकार से जुड़ा मामला है इस विषय में हम हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं, अब अचानक से धाकड़ धामी केंद्रीय संस्थान को कैसे आदेशित कर सकते हैं, जबकि रिटायर हो चुके तत्कालीन निदेशक डॉ. रविकांत पर सीबीआई की जांच चल रही है, जिससे कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पल्ला झाड़ चुके हैं।
यह सब क्रिया कलाप जनता में क्या संदेश दे रहा है, यह तो ‘धाकड़’ जनता समय आने पर जवाब देगी, जहां एक आम पीड़ित मरीज को बिस्तर दिलवाने के लिए कोरोना काल में सिफारिश लगानी पड़ती है!
वहीं सतपाल महाराज सहित किसी भी मंत्री को या उनके रिश्तेदार को एम्स ऋषिकेश हमेशा स्वागत करता है!!!











