चार धाम यात्रा शुरू होने से पहले सरकार ने तमाम तरह के बड़े-बड़े वादे किए थे परंतु
यात्रा अपने प्रारंभ के साथ ही अव्यवस्थाओं की शिकार हो चुकी है और सिलसिला लगातार जारी है। अव्यवस्थाओं के कारण यात्रा ना तो सुगम रूप से चल रही है और ना ही यात्रियों की मुश्किलें समाप्त होने का नाम ले रही हैं। यमुनोत्री राजमार्ग में आए मलवे और पत्थरों के कारण हाइवे बंद हो गया है जिसे यातायात बाधित हो गया है। केदारनाथ पैदल मार्ग भी बर्फबारी और ग्लेशियर टूटने के कारण अवरुद्ध हो गया है जिसके कारण यात्री जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं। उत्तरकाशी से प्राप्त जानकारी के अनुसार यमुनोत्री हाईवे पर पहाड़ से भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर आने से यमुनोत्री मार्ग पर आवाजाही ठप हो गई है तथा दोनों ओर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गई है। बीआरओ के कर्मचारी मार्ग को खोलने में जुटे हुए हैं। केदारधाम में फैली अव्यवस्थाओं के कारण बीते 4 दिनों से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को रोका हुआ है तथा 8 मई तक नए रजिस्ट्रेशन ना करने की घोषणा कर दी गई है जो लोग पहले रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं सिर्फ उन्हें ही केदारनाथ जाने दिया जा रहा है। भले ही अव्यवस्थाओं का एक बड़ा कारण खराब मौसम रहा हो लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि यात्रा शुरू होने से पहले जो व्यवस्थाओं के चाक-चौबंद होने के दावे पर्यटन मंत्री और मुख्यमंत्री धामी द्वारा किए गए थे उनकी पोल खुलकर हकीकत अब सामने आ चुकी है। अब तक सभी चारों धामों में भले ही सवा चार लाख के करीब यात्रियों के पहुंचने की बात कही जा रही हो लेकिन जिस निर्विघ्न यात्रा और सुगम तथा सुरक्षित यात्रा का दावा किया जा रहा था वह अब कोरी बयानबाजी ही साबित होती दिख रही है। पूर्व सीएम हरीश रावत ने चार धाम यात्रा पर हावी अव्यवस्थाओं पर सवाल उठाते हुए कहा है कि महाराज बताएं कि क्या यही व्यवस्थाएं की थी जिनका ढोल सरकार द्वारा पीटा जा रहा था। उन्होंने पूछा कि सब ठीक है तो फिर रजिस्ट्रेशन पर रोक क्यों लगी है।