देश का हर नागरिक चाहता है कि शासन और प्रशासन व्यवस्था के लोग उनके हितों की रक्षा करें। परंतु कभी-कभी यही लोग अपने कार्यों को उचित ढंग से अंजाम नहीं देते हैं। जिसका ताजा उदाहरण देहरादून जिले का है जहां धोखाधड़ी के मुकदमों की सही जांच न करने पर एडीजी कानून व्यवस्था ने दो दरोगाऔं को लापरवाही बरतने पर निलंबित करने के आदेश दिए हैं।एडीजी मंगलवार को देहरादून जिले में चल रही विवेचनाओं की समीक्षा करने पहुंचे थे। प्राथमिक लापरवाही पर उन्होंने सात दरोगाओं के खिलाफ जांच के भी आदेश दिए और उन सातों दरोगाओं की विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।बताते चलें कि डीजीपी अशोक कुमार के निर्देश पर पूरे प्रदेश में धोखाधड़ी के मुकदमों की विवेचनाओं को तेजी से पूरा करने का अभियान चल रहा है। बीते दो माह से इस अभियान के तहत विवेचनाएं की जा रही हैं। पिछले दिनों एडीजी कानून व्यवस्था डॉ. वी मुरुगेशन ने कई जिलों में एक कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी के मुकदमों की विवेचना की समीक्षा की थी। जांच में पाया गया कि कुछ दरोगाओं द्वारा जानबूझ कर इन मुकदमों में ना तो मजबूत धाराएं लगाईं और ना ही आरोपियों के खातों को फ्रीज किया गया। इसी के चलते कुछ दरोगाओं के खिलाफ जांच बैठाने और संबंधित क्षेत्राधिकारी को चेतावनी जारी की गयी थी।इसी क्रम में एडीजी मंगलवार को एसएसपी कार्यालय पहुंचे थे। यहां उन्होंने कई महत्वपूर्ण मुकदमों की विवेचनाओं की समीक्षा की। इस दौरान पाया गया कि कुछ दरोगाओं ने आरोपियों के खातों को फ्रीज नहीं किया । न ही बैंकों से संबंधित मामले में कोई लेनदेन की डिटेल प्राप्त की। इसके अलावा कई मामलों में आरोपियों को पूछताछ के लिए भी नहीं बुलाया गया। इस लापरवाही को देखते हुए एडीजी ने राजपुर थाने के दरोगा विनोद गोला और पटेलनगर थाने के दरोगा सुखबीर सिंह को निलंबित करने के आदेश दिए। एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि दोनों दरोगाओं को निलंबित करने के साथ अन्य के खिलाफ जाच बैठा दी गई है।
जिन सात दरोगाओं की जांच हुई शुरू की उनके नाम डीएन पुरोहित, नरेंद्र पुरी,संदीप कुमार,शोएब अली, विनोद कुमार, कविंद्र राणा और मनवर सिंह है।