उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में आगामी 4 मई से ओम पर्वत और आदि कैलाश यात्रा शुरू होने जा रही है। श्रद्धालु पहली बार तवाघाट से आदि कैलाश ओम पर्वत तक वाहनों से जा सकेंगे क्योंकि सीमा सड़क संगठन ने लगभग बीस हजार फीट की ऊंचाई पर एक सौ तीस किलोमीटर लंबे सड़क मार्ग का निर्माण किया जिसके चलते ऐसा होना संभव हुआ है।
श्रद्धालु तवाघाट पॉइंट से यह यात्रा पैदल ही करते थे। इस बार कुमाऊं मंडल विकास निगम (KMVN) ने श्रद्धालुओं के लिए पैकेज भी बनाया है। श्रद्धालु बिना पैकेज के जाना चाहे तो अपने स्तर पर यात्रा कर सकता है। इसके लिए धारचूला में SDM कार्यालय से इनरलाइन परमिट लेना होगा।
आदि कैलाश को भारत का कैलाश मानसरोवर भी कहते हैं। चीन के कब्जे वाले तिब्बत में स्थित कैलाश पर्वत की परछाई जैसे मानसरोवर झील में भी दिखती है, वैसे ही आदि कैलाश पर्वत की परछाई भी पार्वती कुंड में पड़ती है। उत्तराखंड सीमा पर लिपुलेख दर्रे के रास्ते कैलाश मानसरोवर की यात्रा फिलहाल बंद है।