ऊर्जा निगम की मेहरबानी से बिजली मीटर रीडिंग और बिलिंग का काम करने वाली टीडीएस कंपनी पर लगातार उपभोक्ताओं से पैसे लेकर बिजली का बिल कम काटने के आरोप लगाते रहते हैं, लेकिन फिर भी ऊर्जा निगम इस कंपनी पर मेहरबान बना हुआ है जिस कारण सरकार को राजस्व का नुकसान झेलना पड़ रहा है।
ताजा मामला निगम के मोहनपुर डिविजन से सामने आया है। यहां कंपनी के मीटर रीडर ने पहले एक व्यक्ति का 56 दिन का बिजली बिल 21,674 काट दिया, जो की बिल्कुल सही था। अब आरोप है कि अगली सुबह मीटर रीडर ने पैसे खाकर 57वें दिन की यूनिट समायोजित करते हुए 1,098 रुपए का नया बिल जारी कर दिया, इससे सरकार को तुरंत ही 20,000 रूपए की चपत लगी। उपभोक्ता ने 1098 रुपए के बिल का भुगतान भी कर दिया लेकिन मामले का खुलासा तब हुआ जब किसी व्यक्ति ने ऊर्जा निगम से इसकी शिकायत कर दी।
अक्सर ऊर्जा निगम में कंपनी के मीटर रीडर और उपभोक्ताओं की मिली भगत से कंपनी कर्मचारी बिजली बिल में गड़बड़ियां करते हैं। पूर्व में भी इस प्रकार की कई शिकायतें आ चुकी है लेकिन ऊर्जा विभाग इस पर आंखें मूंद बैठा है।
वहीं गौरव कुमार, अधीक्षण अभियंता ऊर्जा निगम ने बताया है कि बिल को फिर से सही कर दिया गया है। गड़बड़ी करने वालों पर निश्चित ही कार्रवाई होगी।