ऊर्जा राज्य कहे जाने वाले राज्य में अप्रैल 2024 से बिजली महंगी हो जाएगी। उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड की बोर्ड बैठक में बिजली की दरों में 23 से 27 प्रतिशत बढ़ोतरी की प्रस्ताव को सहमति दे दी गई है। इसके बाद यूपीसीएल एक अप्रैल 2024 से
दरें बढ़ाने को लेकर उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग में याचिका दायर करेगा। शनिवार को ऊर्जा भवन में अपर मुख्य सचिव एवं निगम की अध्यक्ष राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में बोर्ड बैठक हुई। जिसमें बिजली दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा गया। बैठक में यूपीसीएल ने बिजली की दरें बढ़ाने के पीछे तर्क दिया कि करोड़ों की देनदारी और सेंट्रल पूल, एसजेवीएनएल, यूजेवीएनएल, टीएचडीसी, एनटीपीसी से महंगी बिजली मिलना है।
यूपीसीएल ने कहा कि राज्य की बिजली की मांग को पूरा करने के लिए 1281 करोड़ ज्यादा दे कर बिजली खरीदनी पड़ रही है,जिसकी भरपाई करने के लिए अगले साल से बिजली की दरों में 23 से 27 प्रतिशत की बढ़ोतरी की सिफारिश की गई। इस प्रस्ताव को बोर्ड बैठक में मंजूरी दी गई है। बोर्ड सदस्यों से चर्चा के बाद यूपीसीएल विद्युत नियामक आयोग में याचिका दायर करेगा। आयोग जनसुनवाई के बाद विद्युत टैरिफ पर निर्णय लेगा। बैठक में यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार समेत कई निदेशक मौजूद थे।
महंगी बिजली मिलने से कई राज्यों ने भी टैरिफ दरों
में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है। पड़ोसी राज्य हिमाचल ने 50 प्रतिशत, झारखंड ने 44 प्रतिशत,दिल्ली ने 30 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में 20 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव अपने-अपने राज्यों के विद्युत नियामक आयोग को भेजा गया है। प्रदेश के 27 लाख उपभोक्ताओं को बिजली महंगी होने से झटका लगेगा। 23 से 27 प्रतिशत तक टैरिफ दरों में बढ़ोतरी से घरेलू व व्यावसायिक कनेक्शनों की बिजली महंगी होगी। हालांकि उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग जनसुनवाई के बाद ही टैरिफ की दरें निर्धारित करेगा।